सऊदी अरब ने रमजान के दौरान मस्जिदों में इफ्तार परोसने पर प्रतिबंध लगा दिया है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की सहमति से इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने यह रोक लगाई है। नए आदेश के मुताबिक रमजान के दौरान सूर्यास्त के बाद देश की मस्जिदों में इफ्तार पार्टी नहीं होगी। साथ ही इमामों के रमजान के दौरान उपासकों को इफ्तार कराने के लिए दान इकट्ठा करने पर भी रोक लगा दी गई है। मंत्रालय ने बताया कि ये आदेश मस्जिदों को साफ रखने की नीयत से लिया गया है।
मस्जिदों को साफ रखने का दिया गया निर्देश
मंत्रालय ने मस्जिदों को साफ रखने के लिए अंदर इफ्तार परोसने पर प्रतिबंध लगा दिया और निर्देश दिया कि भोज कंपाउंड में एक पहले से तय किए गए स्थान पर आयोजित किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, नमाज के दौरान इमाम की फिल्म बनाने के लिए मस्जिदों के अंदर कैमरों के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध रहेगा या विभिन्न मीडिया के माध्यम से प्रार्थना प्रसारित करने और प्रसारित करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
लंबा उपदेश देने से बचने का भी आदेश
इस बीच, इमामों से तरावीह की नमाज को लंबा करने से बचने और उपासकों के लिए लाभकारी उपदेश देने का आग्रह किया गया, विशेष रूप से उपवास के नियमों और रमजान के पवित्र महीने की खूबियों पर प्रकाश डालने वाले उपदेशों से बचने को कहा गया है। सऊदी अरब अपने देश की छवि एक कट्टरपंथी मुल्क से बदलना चाहता है। इसका प्रमुख कारण प्रिंस सलमान की नई आर्थिक नीति है, जिसके जरिए वह 2030 तक सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था की तेल से निर्भरता को हटाना चाहते हैं।