भावनात्मक और व्यवहार संबंधी समस्याओं का कर सकेंगे समाधान
फिनलैंड के तुर्कू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की रिसर्च के अनुसार बचपन में नानी के घर पर समय बिताने से आपको भावनात्मक और व्यवहार संबंधी समस्याओं को समाधान करने में भी आसानी होगी।
जीवन में दादा-दादी के प्रभाव से ज़्यादा नानी का प्रभाव
फिनलैंड के तुर्कू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की टीम में विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शोधकर्ता सैमुली हेले ने कहा है कि जीवन में दादा-दादी के प्रभाव से ज़्यादा नानी का प्रभाव पड़ता है।
नानी के साथ समय बिताने वाले बच्चे चुनौतीपूर्ण वातावरण में करते हैं बेहतर प्रदर्शन
हेले के अनुसार 11 से 16 साल के 1,197 बच्चों पर किए सर्वेक्षण के आधार पर पता चला कि बचपन में संवेदनशील अवधि के दौरान बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव ज़्यादा पड़ता है और यह लंबे समय तक रहता है। हेले ने बताया कि नानी के साथ समय बिताने वाले बच्चे चुनौतीपूर्ण वातावरण में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। हेले ने यह भी कहा कि इस रिसर्च पर अभी और शोध किए जाने की ज़रूरत है।
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