सोमनाथ का मंदिर (Somnath Temple)
गुजरात में सोमनाथ का मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में पहला ज्योतिर्लिंग है। धार्मिक स्थल पूर्वजों के श्राद्ध के लिए पवित्र माना जाता है। सोमनाथ मंदिर घूमने जाने के लिए सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन वेरावल जंक्शन और नजदीकी एयरपोर्ट अहमदाबाद, बड़ोदा और राजकोट है। राजकोट और अहमदाबाद से बस से भी पहुंचा जा सकता है।
टाइम : सोमनाथ मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक खुलते हैं। मंदिर में दर्शन करने वाले पर्यटक ध्यान रखें कि कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने की अनुमति नहीं है।
कांकरिया झील (Kankariya Lake)
गुजरात घूमने वाले पर्यटक कांकरिया झील जरूर जाएं । यह झील अहमदाबाद शहर में है। यह गुजरात में सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है। इस झील के निर्माण की नींव कुतुबुद्दीन ऐबक ने सन 1451 में रखी थी और यह झील पंद्रहवीं शताब्दी में बनी थी। यह झील लगभग 3 किमी के विशाल क्षेत्र में फैली हुई है। झील के बीचोंबीच नगीना वाडी उपवन और नगीना वाडी महल है। इस झील में मनोरंजन के लिए कई साधन उपलब्ध हैं। आप नाव की सवारी कर सकते हैं। पास में ही बच्चों के लिए गार्डन, झूले व म्यूजियम है।
टाइम : कांकरिया झील सुबह 4 बजे से शाम 8 बजे तक खुली रहती है।
गुजरात घूमने वाले पर्यटक कांकरिया झील जरूर जाएं । यह झील अहमदाबाद शहर में है। यह गुजरात में सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है। इस झील के निर्माण की नींव कुतुबुद्दीन ऐबक ने सन 1451 में रखी थी और यह झील पंद्रहवीं शताब्दी में बनी थी। यह झील लगभग 3 किमी के विशाल क्षेत्र में फैली हुई है। झील के बीचोंबीच नगीना वाडी उपवन और नगीना वाडी महल है। इस झील में मनोरंजन के लिए कई साधन उपलब्ध हैं। आप नाव की सवारी कर सकते हैं। पास में ही बच्चों के लिए गार्डन, झूले व म्यूजियम है।
टाइम : कांकरिया झील सुबह 4 बजे से शाम 8 बजे तक खुली रहती है।
चिड़ियाघर और दूसरे पर्यटक स्थल
झील के पास ही बहुत मशहूर चिड़ियाघर है। अगर आपको चिड़ियाघर में अपने परिवार और बच्चों के साथ जाना है तो कई जंगली जानवर देखने का मौका मिलेगा। अहमदाबाद में घूमने के लिए शाही बाग, श्रेयांश लोक कला म्यूजियम, शाहआलम बाग रोजा व केलिको टेक्सटाइल म्यूज़ियम जैसे कई कई पर्यटन स्थल हैं।
कच्छ का रण ( kutch)
कच्छ का रण गुजरात में कच्छ जिले में नमक का बड़ा क्षेत्र है। गुजरात का रण ऑफ कच्छ समुद्र का ही एक हिस्सा है, जो भूकंप आने से बना है। कच्छ का रण 23300 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। रन ऑफ कच्छ केवल सर्दियों में अक्तूबर से फरवरी महीने में पर्यटकों के लिए खुला रहता है। सर्दियों में ही रन (Rann) उत्सव भी मनाया जाता है।
कैसे पहुंचे : रन ऑफ कच्छ जाने के लिए सबसे नजदीक भुज (Bhuj) का रेलवे स्टेशन है। भुज से Rann of Kutch लगभग 85 किलोमीटर दूर पड़ता है। भुज रेलवे स्टेशन के बाहर से ही कई टैक्सी मिल जाती हैं। यदि बस से जाना चाहते हैं तो रेलवे स्टेशन से 3 किमी दूर नया बस स्टैंड है जहां से बस से 200 रुपए में पहुंचा जा सकता है।
खिजड़िया पक्षी अभ्यारण
गुजरात में घूमने लायक मशहूर जगह खिजड़िया पक्षी अभ्यारण (Khijadiya Bird Sanctuary) खिजड़िया पक्षी अभ्यारण गुजरात राज्य के जामनगर जिले में स्थित अनोखा पक्षी अभ्यारण है। पक्षी अभ्यारण को 1982 में सभी तरह के पक्षियों के लिए निवास स्थल के रूप में बनाया गया था। यहां पर आप दूसरे देशों से आने वाले सैलानी पक्षियों की 300 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां देख सकते हैं।
गिर नेशनल पार्क
पशु पक्षी प्रेमियों के लिए गिर नेशनल पार्क घूमने के लिए अच्छी जगहों में से एक है। गिर नेशनल पार्क बनाने का मुख्य उद्देश्य एशियाई शेरों की दिन रोज कम हो रही प्रजाति बचाने के लिए 1669 में बनाया गया था। यहां शेर खुले में प्राकृतिक वातावरण में निवास करते हैं। गिर राष्ट्रीय वन्य प्राणी अभ्यारण गुजरात के गिर, सोमनाथ, जूनागढ़ व अमरेली जिले तक फैला हुआ है। यहां शेरों के अलावा लोमड़ी, हिरण तेंदुआ चीतल सांभर नीलगाय बाघ आदि जंगली जानवर देखे जा सकते हैं।
पशु पक्षी प्रेमियों के लिए गिर नेशनल पार्क घूमने के लिए अच्छी जगहों में से एक है। गिर नेशनल पार्क बनाने का मुख्य उद्देश्य एशियाई शेरों की दिन रोज कम हो रही प्रजाति बचाने के लिए 1669 में बनाया गया था। यहां शेर खुले में प्राकृतिक वातावरण में निवास करते हैं। गिर राष्ट्रीय वन्य प्राणी अभ्यारण गुजरात के गिर, सोमनाथ, जूनागढ़ व अमरेली जिले तक फैला हुआ है। यहां शेरों के अलावा लोमड़ी, हिरण तेंदुआ चीतल सांभर नीलगाय बाघ आदि जंगली जानवर देखे जा सकते हैं।
लक्ष्मी विलास महल (laxmi vilas mahal)
लक्ष्मी विलास महल गुजरात के बड़ोदा में महाराजा गायकवाड़ तृतीय शासक द्वारा 1890 में निर्मित अनोखा ऐतिहासिक महल है। महल 180000 रुपए की लागत में बना था। पैलेस लंदन के बैंकिंघम पैलेस से कई गुना आकार में बड़ा है। महल बड़ोदरा गायकवाड़ का शाही निवास है। इंडो इस्लामिक वास्तुशैली में बना यह महल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। लक्ष्मी विलास पैलेस गुजरात में घूमने की सबसे अच्छी जगह में से एक है। महल के परिसर में स्थित गार्डन की सुंदरता देखने लायक है। घूमने के लिए तो और भी बहुत सी जगह हैं, आप एक बार कुछ दिन तो गुजारिए गुजरात में।
लक्ष्मी विलास महल गुजरात के बड़ोदा में महाराजा गायकवाड़ तृतीय शासक द्वारा 1890 में निर्मित अनोखा ऐतिहासिक महल है। महल 180000 रुपए की लागत में बना था। पैलेस लंदन के बैंकिंघम पैलेस से कई गुना आकार में बड़ा है। महल बड़ोदरा गायकवाड़ का शाही निवास है। इंडो इस्लामिक वास्तुशैली में बना यह महल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। लक्ष्मी विलास पैलेस गुजरात में घूमने की सबसे अच्छी जगह में से एक है। महल के परिसर में स्थित गार्डन की सुंदरता देखने लायक है। घूमने के लिए तो और भी बहुत सी जगह हैं, आप एक बार कुछ दिन तो गुजारिए गुजरात में।