सार्वजनिक जगहों पर नहीं कर सकते पूजा-पाठ
सऊदी अरब में गैर मुस्लिमों के लिए पूजा-पाठ और अपने धार्मिक अनुष्ठानों का अनुपालन काफी कठिन है। सऊदी अरब में जहां वहाबी इस्लाम की मान्यताओं के आधार पर कानून चलता है। यहां इस्लाम के अलावा किसी दूसरे धर्म की सार्वजनिक रूप से पूजा या धार्मिक गतिविधि की परमिशन नहीं है। यहां पर सिर्फ मुस्लिम ही सार्वजनिक तौर पर अपनी अपने धार्मिक कर्म कर सकते हैं।
मंदिर तक नहीं बना सकते
सऊदी अरब में हिंदुओं और ईसाई समेत सभी गैर-मुस्लिम धर्म के पूजा स्थलों, जैसे मंदिर या चर्च का निर्माण नहीं हो सकता। हालांकि ये कानून हिंदुओं समेत गैर मुस्लिम धर्म के लोगों को उनके घर पर निजी पूजा की अनुमति देता है। लेकिन ये भी बिना किसी सार्वजनिक ध्यान के होना चाहिए।
अगर सार्वजनिक जगह पर पूजा की तो क्या होगा?
सऊदी अरब के शरिया कानून के मुताबिक हिंदू या दूसरे गैर मुस्लिम धर्म के लोग सार्वजनिक जगहों पर पूजा करते हुए या धर्म के प्रतीकों जैसे मूर्ति, धार्मिक किताबों के साथ पाया जाता है तो तो उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाता है। कानून के मुताबिक उस शख्स को जुर्माना, जेल की सजा या फिर देश निकाला जैसी सजा मिल सकती है।
निगरानी के लिए धार्मिक पुलिस भी
सार्वजनिक जगहों पर धार्मिक अनुष्ठान की निगरानी के लिए सऊदी अरब में धार्मिक पुलिस की भी नियुक्ति होती है। इन्हें वहां पर ‘मुतव्वा’ कहते हैं। हालांकि, हाल के सालों में इन धार्मिक पुलिस के कुछ अधिकारों को सीमित कर दिया गया है लेकिन बावजूद इसके धार्मिक नियमों का उल्लंघन गंभीर माना जाता है। हालांकि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस अपने देश की कट्टर छवि सुधारने के लिए कई बड़े कदम उठा रहे हैं। जैसे वो अपने देश में फैशन शो करा रहे हैं, महिलाओं को कई अधिकार दे रहे हैं लेकिन धार्मिक स्वतंत्रता अभी भी वहां पर नहीं है।