इन जिलों में सबसे ज्यादा मौतें
सशस्त्र पुलिस बल (APF) और नेपाल पुलिस से मिले आंकड़ों के मुताबिक इस भीषण आपदा ने 24 घंटों में नेपाल में मरने वालों की संख्या 112 तक पहुंचा दी है। इसके अलावा, 68 लोग अभी भी लापता हैं, और आपदा में 100 से अधिक घायल हैं। कावरेपालनचौक में कुल 34 लोग मृत पाए गए, जिनमें ललितपुर में 20, धाडिंग में 15, काठमांडू में 12, मकवानपुर में 7, सिंधुपालचौक में 4, डोलखा में 3 और पंचथर और भक्तपुर जिलों में पांच-पांच लोग मृत पाए गए। इसके अलावा धनकुटा और सोलुखुंबु में 2-2 लोग, रामछाप, महोत्तरी और सुनसारी जिलों में 1-1 व्यक्ति मृत पाया गया।
राजधानी में 54 साल का रिकॉर्ड टूटा
नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने न्यूज एजेंसी को बताया कि हाल ही में हुई बारिश ने काठमांडू घाटी को भारी नुकसान पहुंचाया है और नेपाल सेना, सशस्त्र पुलिस बल और नेपाल पुलिस पूरे हिमालयी राष्ट्र में खोज और बचाव अभियान चला रही है। पूरे देश में भारी बारिश के चलते हुए नुकसान के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। इसके लिए (आपदा) कमांड पोस्ट की एक बैठक भी बुलाई गई है। पूरे देश में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। बता दें कि काठमांडू में 54 सालों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश दर्ज की गई, जो उस दिन 24 घंटों के भीतर 323 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। बीते गुरुवार शाम से नेपाल में बंगाल की खाड़ी से जल वाष्प और क्षेत्र में कम दबाव प्रणाली के कारण भारी बारिश हो रही थी, जिसने पूरे देश में मानवीय संकट को जन्म दे दिया है।
56 जिलों में अलर्ट
वहीं राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रबंधन प्राधिकरण यानी NDRRMA ने भी बारिश के चलते संभावित आपदाओं के बारे में 77 में से 56 जिलों के लिए चेतावनी जारी की और लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी। दुनिया की दस सबसे ऊंची चोटियों में से नौ का घर नेपाल में इस साल पहले ही औसत से अधिक बारिश होने का अनुमान है, जिससे कुल 18 लाख लोग प्रभावित होंगे। NDRRMA ने यह भी अनुमान लगाया था कि 412 हजार घर मानसून संबंधी आपदाओं से प्रभावित होंगे। हिमालयी देश में मानसून का मौसम आमतौर पर 13 जून के आसपास शुरू होता है और आमतौर पर सितंबर के अंत में समाप्त होता है, लेकिन अब इसके अक्टूबर के अंत तक बढ़ने की उम्मीद है।
अक्टूबर तक चलेगा बारिश का दौर
इस साल, दक्षिण से बादल सामान्य शुरुआत की तारीख से तीन दिन पहले 10 जून को पश्चिमी क्षेत्र से नेपाल में प्रवेश कर गए। देश में कुल वार्षिक वर्षा का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा देने वाला मानसून काल आम तौर पर 105 दिनों तक चलता है। लेकिन, हाल के वर्षों में इसे समाप्त होने में अधिक समय लग रहा है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 10 जून को मानसून के प्रवेश करने के बाद से शुक्रवार सुबह तक देश में 1,586.3 मिलीमीटर बारिश हुई। आम तौर पर, देश में चार महीनों- जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर में औसतन 1,472 मिमी बारिश होती है। पिछले साल, देश में इस मौसम में केवल 1,303 मिमी बारिश हुई थी।