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पर्यटकों के लिए खुला दुनिया का सबसे बड़ा और 180 साल पुराना पागलखाना, आज भी मरीजों का होता है अमानवीय इलाज

इस अस्पताल में मरीजों को अमानवीय तरीके से रखा जाता था। डाॅक्टर इलाज के नाम पर बच्चों को लोहे से बने पिंजरे में बंद रखते थे, जबकि वयस्कों को गर्मी में जबरदस्ती स्टीम बाथ और ठंड में ठंडे पानी से नहाने के लिए कहा जाता था। दावा यह भी किया जाता है कि इस पागलखाने के मैदान में करीब 25 हजार मरीजों को दफनाया गया है। इलाज के दौरान इनकी यहां मौत हो गई थी। यहां उन मरीजों के नाम की धातु से बनी प्लेट भी गड़ी हुई हैं।
 

Oct 06, 2021 / 01:12 pm

Ashutosh Pathak

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नई दिल्ली।

विश्व का सबसे बड़ा पागलखाना यानी मेंटल हॉस्पिटल अमरीका के जॉर्जिया में स्थित है। इसका नाम सेंट्रल स्टेट हॉस्पिटल है और यह 1842 में बनकर तैयार हुआ था। यानी करीब 180 साल पुराने दुनिया के सबसे बड़े पागलखाने में पर्यटक अब घूमने आएंगे। हालांकि, अब भी इस मेंटल हॉस्पिटल में कई मरीज मौजूद हैं और उनका इलाज चल रहा है।
दिलचस्प यह है कि पर्यटकों के लिए खोला गया यह पागलखाना दुनियाभर में भूतहा अस्पताल के तौर पर विख्यात है और इसलिए यहां जाने से लोग डरते हैं। लोगों का मानना है कि यहां भूत रहते हैं। हालांकि एक वक्त ऐसा भी था जब इसे दुनिया का सबसे बड़ा पागलखाना कहा जाता था। फिर धीरे-धीरे यहां लोग कम होते गए और इस अस्पताल की कई इमारतें खंडहर में बदलती गईं।
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जॉर्जिया में स्थित इस सेंट्रल स्टेट हॉस्पिटल का वर्तमान जितना रोचक है, इतिहास उससे भी ज्यादा हैरान करने वाला है। यह अस्पताल 1842 में बना था और 1960 तक यह दुनिया के सबसे बड़े पागलखाना अस्पताल के तौर पर चर्चित हो गया। तब यहां एक साथ करीब 12 हजार मरीजों का इलाज चलता था।
कहा यह भी जाता है कि इस अस्पताल में मरीजों को अमानवीय तरीके से रखा जाता था। डाॅक्टर इलाज के नाम पर बच्चों को लोहे से बने पिंजरे में बंद रखते थे, जबकि वयस्कों को गर्मी में जबरदस्ती स्टीम बाथ और ठंड में ठंडे पानी से नहाने के लिए कहा जाता था। दावा यह भी किया जाता है कि इस पागलखाने के मैदान में करीब 25 हजार मरीजों को दफनाया गया है। इलाज के दौरान इनकी यहां मौत हो गई थी। यहां उन मरीजों के नाम की धातु से बनी प्लेट भी गड़ी हुई हैं।
वक्त गुजरता गया और इसी के साथ अस्पताल की हालत भी खराब होती गई। मरीज कम होते गए। हालत यह हो गई कि करीब हजार एकड़ में बने अस्पताल की 200 से ज्यादा खाली पड़ी इमारतों में भूत पकड़ने वाले लोग आने लगे। लोगों का कहना है कि खाली हिस्से काफी डरावने हैं और वहां भूत रहते हैं। हालांकि इस बात की अब तक कोई पुष्टि नहीं हुई है।
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अब इस अस्पताल का एक छोटा सा हिस्सा सक्रिय है और इसमें करीब 300 लोगों का इलाज होता है। इलाज के तरीकों को बदल दिया गया है। जनवरी 2020 में कुछ लोगों का एक समूह इस अस्पताल में घूमने के लिए भेजा गया और बाद में यह सिलसिला हर महीने आयोजित होने लगा। अब इसे पूरी तरह पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जा रहा है।

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