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इस ‘सुपर पावर’ को पाने के लिए भिड़ीं जियोर्जिया मेलोनी समेत दुनिया की ये दो ताकतवर महिला नेता

Georgia Meloni: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप पर हमले के बाद मेलोनी ने उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की थी ऐसे में यूरोपीय देश इस बात से चिंता में हैं कि मेलोनी का ट्रंप के प्रति झुकाव कहीं पूरा वर्ल्ड ऑर्डर ना बिगाड़ दे।

नई दिल्लीJul 18, 2024 / 12:52 pm

Jyoti Sharma

Giorgia Meloni and Ursula von der Leyen

Giorgia Meloni and Ursula von der Leyen

Giorgia Meloni: यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष का चुनाव यूरोप की दो सबसे शक्तिशाली महिलाओं के बीच शक्ति संघर्ष का अखाड़ा बनता जा रहा है। यह दो महिलाएं हैं यूरोपीय आयोग की नामित अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन (Ursula von der Leyen) और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी। गुरुवार को फ्रांस के शहर स्ट्रासबर्ग में यूरोप के 720 सांसदों के मतदान से ये तय होगा कि उर्सुला वॉन डेर लेयेन को यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष (European Commission) के रूप में दूसरा कार्यकाल मिलेगा या नहीं। इतना ही नहीं, ये चुनाव यह भी तय करेगा कि मेलोनी यूरोप में कितनी प्रभावी भूमिका निभा सकेंगी। 

मेलोनी (Giorgia Meloni) और उर्सुला में विवाद

जियोर्जिया मेलोनी ने यूरोपीय संसद का चुनाव इसी मुद्दे पर लड़ा था कि यूरोप की दिशा इटली तय करता है। इतना ही नहीं, यूरोप के चुनावों से ये भी तय होगा कि प्रधानमंत्री के रूप में मेलोनी (Giorgia Meloni) अपने कार्यकाल में कितनी प्रभावशाली रहेंगी। आशंका यही है कि इस सत्ता संघर्ष में कोई एक महिला ही विजेता होकर उभरेगी, क्योंकि मेलोनी इस बात से नाराज हैं कि उर्सुला वॉन डेर लेयेन का यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष के रूप में नामांकन से पहले हुए चर्चाओं और सौदेबाजी के दौरान उनसे कोई विचार- विमर्श नहीं किया गया। बल्कि यह सब उन सब नेताओं जैसे फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स आदि नेताओं ने तय किया जिनकी पार्टियों की सीटें यूरोपियन यूनियन के चुनाव में कम हुई हैं।

जर्मन नेता लेयन नहीं जीतीं तो यूरोप में अराजकता की आशंका

आंकड़ों में देखें तो जर्मन नेता वॉन डेर लेयेन के समूह यूरोपियन पीपुल्स पार्टी (क्रिश्चियन डेमोक्रेट) के पास बहुमत के लिए जरूरी संख्या है। लेकिन यूरोपियन संसद में मतदान के दौरान यह जरूरी नहीं है कि सभी संबंधित समूह अपने अधिकारिक नेता को ही मतदान करें। उनकी दक्षिणपंथी यूरोपीय पीपुल्स पार्टी (ईपीपी), समाजवादी और उदारवादियों के सभी सांसदों का समर्थन उन्हें 401 वोट दिलाएगा। गुप्त मतदान में कुछ सांसदों द्वारा उनका विरोध करने की आशंका है। कई सांसद तो घोषित रूप से उनका विरोध कर रहे हैं। पिछले बार के मतदान में 13 फीसदी से ज्यादा सांसदों ने अपेक्षित समूह को वोट नहीं दिया था। लेकिन अगर गुरुवार को 720 सीटों वाली संसद में उन्हें 361 वोट नहीं मिलते हैं तो यूरोपीय संघ की राजनीति एक अराजक और अस्थिरता के दौर में आ जाएगी। वह भी एक बेहद संवेदनशील समय में, जबकि यूरोप यूक्रेन जैसे बड़े युद्ध से गुजर रहा है।

मेलोनी की मदद की जरूरत

मेलोनी यूरोपीय संसद के कट्टर-दक्षिणपंथी कंजर्वेटिव और सुधारवादी समूह की प्रमुख हैं। इस समूह के 78 वोट वॉन डेर लेयेन के दूसरे कार्यकाल के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।

मेलोनी ने दिखाई ट्रंप से एकजुटता, यूरोप में चिंता

अमरीका में डॉनल्ड ट्रंप पर हमले के बाद मेलोनी ने संवदेना संदेश में कहा था कि वो उनके साथ खड़ी हैं और उनके जल्द स्वस्थ्य होने की कामना करती हैं। ट्रंप की वापसी से पहले ही चिंतित यूरोप के नेताओं में मेलोनी के ट्रंप के प्रति इस तरह के झुकाव से चिंता है।

सौदेबाजी का दौर

मेलोनी के सहयोगियों ने स्पष्ट कर दिया है कि वॉन डेर लेयेन को उनका समर्थन इस बात पर निर्भर करेगा कि उन्हें नए यूरोपीय आयोग में शक्तिशाली पद मिलता है या नहीं। इसका मतलब है कि इतालवी आयुक्त के लिए एक बड़ा पोर्टफोलियो। फंड वितरित करने में बड़ी भूमिका के साथ ही आयोग में उपाध्यक्ष या कार्यकारी उपाध्यक्ष का पद। गौरतलब है कि यूरोपीय यूनियन में मंत्रियों की जगह 27 देशों के 27 कमिश्नर होते हैं, जिनके पास अलग-अलग जिम्मेदारियां होती हैं। इन्हीं के पास रोजमर्रा की कार्यकारी शक्तियां होती हैं।

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