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G-7 देशों ने चीन में मानवाधिकार के हालातों पर जताई चिंता

China: G-7 देशों के मुताबिक चीन में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का असंगत उपयोग हांगकांग, शिनजियांग और तिब्बत में स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के लिए खतरा है।

नई दिल्लीNov 29, 2024 / 05:13 pm

Jyoti Sharma

China: G-7 देशों ने चीन में मानवाधिकारों के हालात पर चिंता जताई है। इटली में आयोजित बैठक के बाद G-7 विदेश मंत्रियों के यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि का बयान जारी किया गया है। ग्रुप ने 45 लोकतंत्र समर्थक राजनेताओं और कार्यकर्ताओं को सजा सुनाए जाने के चीन के फैसले को लोकतांत्रिक भागीदारी को निचले स्तर का बता डाला है। G-7 ग्रुप के देशों कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूके और अमेरिका के विदेश मंत्रियों और यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि ने एक बयान में कहा कि “हम झिंजियांग और तिब्बत सहित चीन में मानवाधिकारों की स्थिति से परेशान हैं। हम हांगकांग में नागरिक समाज, मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता को लेकर चिंतित हैं।”

‘अपने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार प्रतिबद्धताओं का पालन करे चीन’

इस बयान में आगे कहा गया कि “लोकतंत्र समर्थक 45 राजनेताओं और कार्यकर्ताओं को सज़ा सुनाए जाने से लोकतांत्रिक भागीदारी और बहुलवाद में और गिरावट आई है, जो हांगकांग के मूल कानून में निहित कानून के शासन में विश्वास को कम करता है, और इसलिए हांगकांग और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के अंतर्राष्ट्रीय कानूनी दायित्वों को कम करता है। हम चीन और हांगकांग के अधिकारियों से आग्रह करते हैं कि वे अपने अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार प्रतिबद्धताओं और कानूनी दायित्वों का पालन करें।” चीन में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का असंगत उपयोग हांगकांग, शिनजियांग और तिब्बत में स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के लिए खतरा है।
रिपोर्ट के मुताबिक चीन में ये कानून के लागू होने के बाद हांगकांग की मानवाधिकार स्थिति खराब हो गई है। इस काननू के तहत ही 300 लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के राजद्रोह कानूनों का उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार किया गया है। शहर में विपक्ष की आवाजें और दब गई हैं।G-7 के विदेश मंत्रियों ने पूर्वी और दक्षिणी चीन सागर की स्थिति को लेकर अपनी चिंता जताई। G-7 मंत्रिय़ों ने कहा कि “हम पूर्वी और दक्षिणी चीन सागर की स्थिति के बारे में गंभीर रूप से चिंतित हैं। दक्षिण चीन सागर में चीन के विशाल समुद्री दावों का कोई कानूनी आधार नहीं है।”

चीन के सैन्यीकरण का भी विरोध

ग्रुप ऑफ 7 ने दक्षिण चीन सागर में चीन के सैन्यीकरण और जबरन धमकाने वाली गतिविधियों का विरोध किया। जी7 देशों के विदेश मंत्रियों ने दक्षिण चीन सागर में चीन द्वारा तट रक्षक और समुद्री मिलिशिया के खतरनाक उपयोग तथा देशों की नौवहन और उड़ान की स्वतंत्रता में बार-बार बाधा डालने का विरोध किया।

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