सबसे बड़ी बात यह है कि जनरल फैज पर जो आरोप लगाए गए हैं वह बड़े ही हास्यापद नजर आ रहे हैं। पाकिस्तानी सेना ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अफगानी सरकार को अस्थिर करके तालिबानी हुकूमत लाने में मदद की। गौरतलब है कि वह 2020-21 में तलिबार सरकार के साथ बातचीत में बिचौलियों की भूमिका में काम कर रहे थे। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ उनका याराना अब उनकी जिंदगी पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। जिस तरह से पाकिस्तान में बांग्लादेश विद्रोह के बाद कार्रवाई हुई है। इससे संकेत बहुत ही गंभीर मिलते दिख रहे हैं।
सेवानिवृत्ति के बाद पहली बार ISI Chief को जेल
पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार किसी आईएसआई चीफ को सैन्य हिरासत में लिया गया है। पाकिस्तानी सेना प्रवक्ता आईएसपीआर ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए टॉप सिटी केस में आई शिकायतों की सत्यता का पता लगाने के लिए पाकिस्तानी सेना द्वारा एक विस्तृत जांच की गई। इसके के साथ ही पाकिस्तान सेना अधिनियम के प्रावधानों के तहत जासूसी एजेंसी के पूर्व प्रमुख के खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है।
फैज की कोर्ट मार्शल प्रक्रिया शुरू
पाकिस्तानी सेना प्रवक्ता आईएसपीआर ने अपने बयान में कहा है कि फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) फैज हामिद को सैन्य हिरासत में ले लिया गया है। कोर्ट मार्शल होते ही फैज हामिद को सेना से बर्खास्त कर दिया जाएगा और उन्हें मिलने वाली सभी सुविधाएं रोक दी जाएंगी। आईएसपीआर ने बताया है कि पूर्व जनरल के खिलाफ सेवानिवृत्ति के बाद पाकिस्तान सेना के कई अधिनियम के उल्लंघन के कई मामले भी स्थापित किए गए हैं।
बुरे फंस गया पेशावर का कोर कमांडर
पाक्स्तिानी सेना में राजनीति कोई नई बात नहीं है लेकिन पहली बार आईएसआई चीफ और पेशावर कोर कमांडर रह चुका सैन्य अधिकारी सेना की ही हिरासत में लिया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि जो भी लोग सेना में इमरान खान के समर्थक है। उनको यह चेतावनी और संदेश देने के लिए किया गया है। इस मामले में पाकिस्तानी सेना के कुछ अधिकारियों में इमरान खान के प्रति सहानुभूति है और वह पीटीआई का समर्थन कर रहे हैं।