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तालिबान राज में हर दिन 1 या 2 अफगान महिलाएं कर रहीं आत्महत्या, पूर्व डिप्टी स्पीकर का दावा

Afghan women commit suicide: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से दिन पर दिन महिलाओं की हालत दयनीय होती जा रही है। तंग आकर महिलायें अब आत्महत्या कर रही हैं। इसका खुलासा खुद अफ़गान संसद की पूर्व डिप्टी स्पीकर ने किया है।

Jul 02, 2022 / 05:57 pm

Mahima Pandey

'Every day at least one or two Afghan women commit suicide', says former deputy speaker Fawzia Koofi

‘Every day at least one or two Afghan women commit suicide’, says former deputy speaker Fawzia Koofi

अफगानिस्तान में तालिबान के राज के बाद से महिलाओं की ज़िंदगी नरक से भी बदतर होती जा रही है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार ने भी इसपर चिंता व्यक्त की है। आलम ये है कि हर दिन यहाँ एक या दो महिलायें आत्महत्या कर रही हैं। ये दावा अफगान संसद की पूर्व डिप्टी स्पीकर फौजिया कूफी ने किया है। उन्होंने अफगानिस्तान में महिलाओं की बदहाली को दुनिया के सामने रखा है और बताया है कि कैसे उन्हें बेचा जा रहा है और उनकी आजादी को छीन लिया गया है। जिनेवा में मानवाधिकार परिषद (HRC) में महिला अधिकारों के मुद्दे पर बहस के दौरान पूर्व डिप्टी स्पीकर ने इसका खुलासा किया है।

जिनेवा में मानवाधिकार परिषद (HRC) में महिलाओं के अधिकारों पर बहस के दौरान अफगान संसद की पूर्व डिप्टी स्पीकर फौजिया कूफी ने कहा, “हर दिन, कम से कम एक या दो महिलाओं ने अवसर की कमी और मानसिक स्वास्थ्य के दबाव के कारण आत्महत्या कर रही हैं। नौ साल से कम उम्र की लड़कियों को न केवल आर्थिक दबाव के कारण बेचा जा रहा है। ये न केवल आर्थिक दबाव के कारण किया जा रहा है बल्कि उनके परिवारों को भी अब कोई उम्मीद नहीं बची है। ये कोई यह सामान्य बात नहीं है। अफगानिस्तान की महिलाएं इसके लायक नहीं हैं।”


अफगानिस्तान की महिलाओं की हालत पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाचेलेट ने चिंता व्यक्त की है। इसके साथ ही महिलाओं की बेरोजगारी, उनपर लगाए गए प्रतिबंधों की भी निंदा की है।

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गौरतलब है कि तालिबान राज में अफगानिस्तान में बेरोजगारी और आर्थिक संकट के कारण हालात बेहद खराब हैं। यहाँ भुखमरी से बचने के लिए छोटी उम्र में ही बेटियों को उनके परिवारवाले बेच रहे हैं। इन बच्चियों की बोली 2 से ढाई लाख रुपये के बीच लगाई जा रही है। यहाँ तालिबान सरकार आए दिन आओसे हुक्म जारी कर रहा है जिससे महिलाओं के अधिकारों के साथ साथ उनकी उम्मीदों और सपनों का गला घोंटा जा रहा है।

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