सरन घई ने बताया, मंदिरों में कीर्तन-भजन और बैंक्वेट हाल में ढोलकी की थाप या डफ़ पर युवा-बालक-वृद्ध-लड़कियां-नारियां होली के गानों पर नाच-गा कर होली का आनंद लेते हैं। हाँ, भारत में होली गीले रंगों से भी खेली जाती है परंतु यहाँ होली केवल गुलाल के रंगों से ही खेली जाती है।
उन्होंने बताया, कनाडा में कोई भी व्रत-त्योहार मनाने के लिए आवश्यक सामग्री आसानी से उपलब्ध है। होली की ही बात करें तो चाहे रंग हों चाहे गुझिया, चाहे पिचकारियां हों अथवा घेवर, आसानी से सब कुछ ग्रॉसरी स्टोर व मिठाई की दुकानों पर उपलब्ध हैं। हम भारत से बाहर रह रहे प्रवासी इतने हिल-मिल कर रहते हैं, मिलजुल कर त्योहार मनाते हैं, पूजन-अर्चना करते हैं कि हमें भारत में न होने की कमी महसूस ही नहीं होती।
होली खेलें कनाडा वाले,
रंग उड़ावें आसमान में, हरे, गुलाबी, काले,
होली खेलें कनाडा वाले।
ठुमके लगावें देसी धुन पे, पैग पियें पटियाले,
होली खेलें कनाडा वाले।
रंग लगावें देसी रे भैया, करतब करें निराले,
होली खेलें कनाडा वाले।
इंगलिस में बतियाते गिटपिट, हिंदी रंग लगाते,
होली खेलें कनाडा वाले।
होली अब त्योहार विश्व का, दुनिया भर में मनाते,
होली खेलें रे दुनिया वाले,
होली खेलें कनाडा वाले।
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