Trump 2.0: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भारतवंशियों का दबदबा देखने को मिल रहा है। शनिवार को डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की तरफ से 3 भारतवंशियों को बड़े पदों को नियुक्त किया गया है। इसमें पूर्व भारतीय अमेरिकी पत्रकार कुश देसाई को उप प्रेस सचिव, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में रिकी गिल और राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय में सौरभ शर्मा को नियुक्ति मिली है। व्हाइट हाउस की तरफ से कुश देसाई (Kush Desai) की नियुक्ति का ऐलान किया गया। डोनाल्ड ट्रंप का अमेरिका के स्विंग स्टेट (Swing State of USA) में क्लीन स्विप करने में कुश देसाई की कार्यप्रणाली भी एक बड़ा कारक बनकर उभरी थी।
कुश देसाई ने इससे पहले 2024 रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन के लिए उप संचार निदेशक के तौर पर काम किया था। इसके अलावा वे आयोवा की रिपब्लिकन पार्टी के संचार निदेशक के तौर पर काम कर रहे थे। भारतीय मूल के कुश देसाई ने रिपब्लिकन नेशनल कमेटी में डिप्टी बैटलग्राउंड स्टेट्स और पेंसिल्वेनिया कम्युनिकेशंस डायरेक्टर के पद भी काम किया है। उनके बैटलग्राउंड स्टेट्स में संदेश और नैरेटिव डेवलपमेंट ने ट्रंप की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
अब कुश देसाई को उप प्रेस सचिव के तौर पर तैनात किया गया है। वहीं व्हाइट हाउस के संचार कार्यालय की देखरेख व्हाइट हाउस के उप चीफ ऑफ स्टाफ और कैबिनेट सचिव टेलर बुडोविच करेंगे। डोनाल्ड ट्रम्प ने इससे पहले राष्ट्रपति के सहायक और व्हाइट हाउस संचार निदेशक स्टीवन चेउंग और राष्ट्रपति की सहायक और प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट की नियुक्तियों का ऐलान किया था।
2 और भारतीय अमेरिकी विशेष सहायक नियुक्त
वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने दो और भारतीय अमेरिकियों को विशेष सहायक नियुक्त किया है। डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में रिकी गिल (Ricky Gill) और राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय में सौरभ शर्मा (Saurabh Sharma) को नियुक्त किया है। रिकी गिल ने इससे पहले डोनाल्ड ट्रम्प के पहले प्रशासन में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में रूस और यूरोपीय ऊर्जा सुरक्षा के निदेशक के तौर पर और विदेश विभाग में विदेशी भवन परिचालन ब्यूरो में सीनियर एडवाइजर के तौर पर काम किया है।
कौन हैं सौरभ शर्मा
इसके अलावा बेंगलूरु में जन्मे सौरभ शर्मा अमेरिकन मोमेंट के सह-संस्थापक और अध्यक्ष थे, जो एक रूढ़िवादी संगठन माना जाता है, इसका मिशन अमेरिका में अमेरिकी युवाओं की पहचान कर उन्हें शिक्षित कर उन्हें प्रमाणित करना है। इसके अलावा वे एक रिपब्लिकन कार्यकर्ता थे और टेक्सास के यंग कंज़रवेटिव के स्टेट प्रेसिडेंट थे।
डोनाल्ड ट्रंप की टीम में भारतवंशी
डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भारतवंशियों को खास तवज्जो दी जा रही है, कई बड़े पदों और विभागों में भारतीय अमेरिकियों को तैनात किया गया है। इनमें-
1- विवेक रामास्वामी DOGE विभाग की जिम्मेदारी (सरकारी दक्षता विभाग)- डोनाल्ड ट्रंप ने जीत के बाद एक नया DOGE यानी अमेरिका सरकारी दक्षता विभाग बनाया। जिसके लिए उन्होंने टेस्ला CEO एलन मस्क (Elon Musk) और भारतवंशी विवेक रामास्वामी को इसके निर्माण की जिम्मेदारी थी। विवेक रामास्वामी एलन मस्क के साथ इस विभाग के सह निर्माता थे। लेकिन हाल ही में विवेक रामास्वामी ने DOGE (Department of Government Efficiency) छोड़ने का ऐलान कर दिया। उन्होंने ओहियो में एक नई जिम्मेदारी की वजह से इस विभाग को छोड़ने की बात कही थी।
2-तुलसी गबार्ड- राष्ट्रीय खुफिया निदेशक- ट्रंप के पहले कार्यकाल में काम कर चुकीं तुलसी गबार्ड ट्रंप 2.0 में भी उनके साथ हैं। तुलसी गबार्ड (Tulsi Gabbard) को डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया निदेशक की जिम्मेदारी दी है। वे एक हिंदू हैं लेकिन भारत से उनका कोई सीधा संबंध नहीं है।
3- काश पटेल को FBI का निदेशक- अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो यानी FBI जैसे भारी-भरकम विभाग की जिम्मेदारी दे दी है। काश पटेल (Kash Patel) को डोनाल्ड ट्रंप ने FBI का निेदेशक नियुक्त किया है।
4- हरमीत के. ढिल्लो को सहायक अटार्नी जनरल (नागरिक अधिकारों के लिए)- भारतवंशी हरमीत के. ढिल्लो को डोनाल्ड ट्रंप ने नागरिक अधिकारों के लिए सहायक अटार्नी जनरल नियुक्त किया है। 5- जय भट्टाचार्य को निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH)- डोनाल्ड ट्रंप ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य नीति के प्रोफेसर डॉ. जय भट्टाचार्य NIH के नए निदेशक के तौर पर नियुक्त किया है। जय कोलकाता में जन्मे हैं। कोरोना प्रतिबंधों पर जय ने अपना कड़ा विरोध दर्ज किया था।
6- श्रीरामकृष्णन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर वरिष्ठ नीति सलाहकार- श्रीरामकृष्णन, डोनाल्ड ट्रम्प ने AI पर नीति को आकार देने के लिए भारतीय-अमेरिकी उद्यमी और लेखक श्रीरामकृष्णन को AI पॉलिसी का वरिष्ट नीति सलाहकार यानी सीनियर पॉलिसी एडवाइजर के तौर पर नियुक्त किया है।