क्रीमिया की वापसी के बगैर कैसे रूकेगा युद्ध ?
ट्रंप के वरिष्ठ सलाहकार ब्रायन लांजा ने एक मीडिया चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप रूस के कब्जे वाले इलाके यूक्रेन को लौटाने की बजाय वहां शांति बहाली पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे। हालांकि जेलेंस्की यह कहते रहे हैं कि शांति तभी होगी जब क्रीमिया वापस आ जाएगा। इसका जिक्र करते हुए लांजा ने कहा कि यूक्रेन को समझ लेना चाहिए कि ‘क्रीमिया अब जा चुका है।’
यूरोपीय नेताओं से ट्रंप की बात
सूत्रों के अनुसार, ट्रंप इस मुद्दे पर ब्रिटेन और फ्रांस सहित कई यूरोपीय देशों के नेताओं से बात कर चुके हैं। यह माना जा रहा है कि ट्रंप का कथित शांति प्रस्ताव रूस के अनुकूल है इसलिए अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि क्या यूक्रेन इसके लिए तैयार होगा। लेकिन यह भी सच है कि अमेरिका की मदद के बगैर युद्ध में यूक्रेन ज्यादा देर तक टिक नहीं पाएगा। ट्रंप अपने चुनाव अभियान में वित्तीय मदद बंद करने की बात कह चुके हैं।
यूक्रेन की मदद पर मतभेद
ट्रंप के चुने जाने के बाद की स्थिति पर विचार के लिए बुलाई गई यूरोप के नेताओं ने बैठक में अमेरिकी मदद के बिना यूक्रेन की सहायता जारी रखने पर मतभेद भी सामने आए। पूछा गया कि क्या अमेरिकी सहायता के बगैर यूक्रेन की मदद जारी रखी जा सकती है? कई नेताओं ने इस पर संदेह प्रकट किया कि युद्ध में यूक्रेन को विजेता बनाया जा सकता है। हालांकि, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने रूसी आक्रामकता का जवाब देने के लिए वैसे ही संयुक्त प्रयास पर जोर दिया जैसा कोरोना महामारी के दौरान किया गया था।
मॉस्को पर ड्रोन हमला
इधर, शांति प्रयासों की चर्चा के बीच यूक्रेन ने रूस की राजधानी मास्को पर रविवार को जोरदार ड्रोन हमला किया। इसके कारण रूस को तीन हवाईअड्डों पर विमान का परिचालन रोकना पड़ा और करीब 36 उड़ानों के मार्ग बदले गए। हालांकि, हमले में बड़े नुकसान की खबर नहीं है। मॉस्को के मेयर सर्गेई सोबयानिन के अनुसार डोमोडेडोवो रामेन्सकोये और कोलोम्ना क्षेत्रों में करीब 34 ड्रोन मार गिराए गए हैं। समझा जाता है कि संभावित शांति वार्ता में अपना पक्ष मजबूत करने की मंशा से यूक्रेन ने हमले तेज कर दिए हैं। क्या है शांति प्रस्ताव
- ट्रंप ने जो शांति की योजना बनाई है उसमें सीमा पर वर्तमान स्थिति को स्वीकार करते हुए करीब 800 किमी का बफर जोन बनाने का प्रस्ताव है। जो हिस्सा रूस में चला गया उसे यूक्रेन को भूलना होगा।
- बफर जोन में यूरोपीय देशों के सैनिक तैनात रहेंगे। यूक्रेन की नाटो सदस्यता के प्रस्ताव को 20 साल के लिए खटाई में डाल दिया जाएगा। दरअसल, क्रीमिया और नाटो के मुद्दे पर ही रूस को दिक्कत है।
- ट्रंप की योजना में प्रस्तावित बफर जोन में गश्त के लिए अमरीकी सैनिकों को तैनात करना या मिशन के लिए अमरीकी वित्तीय सहायता प्रदान करना शामिल नहीं है।
- यदि जेलेंस्की ने ट्रंप के शांति प्रस्ताव को मान लिया तो ट्रंप प्रशासन यूक्रेन को हथियार और प्रशिक्षण देना जारी रखेगा। रूस से तटस्थता दिखाने के लिए भी अमरीका को ऐसा करना होगा।
लाख टके का सवालः क्या जेलेंस्की तैयार होंगे?
- जेलेंस्की ने बार-बार कहा है कि वह 1991 की सीमाओं को बहाल करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें क्रीमिया और 2014 से रूस द्वारा कब्जा किए गए डोनबास के कुछ हिस्सों को मुक्त कराना शामिल है।
- ट्रंप के निर्वाचित होने के बाद की परिस्थिति पर चर्चा के लिए बुलाई गई यूरोपीय देशों की बैठक में भी जेलेंस्की ने कहा था कि वह ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मानेंगे जिससे लगे कि रूस जीत गया है।
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