मैक्रों की ये टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है, जब ताइवान से सटे इलाके में चीन उस पर कब्जे के लिए सैन्य अभ्यास करते हुए उसके एयरस्पेस तथा समुद्री क्षेत्र का अतिक्रमण कर रहा है। चीन ने दावा किया है कि अपने इस ज्वाइंट स्वार्ड युद्धाभ्यास के दौरान उसने ताइवान के हवाई क्षेत्र और सामुद्रिक सीमाओं को पूरी तरह बंद कर दिया। यही नहीं, इस दौरान चीन ने ताइवान के सामरिक इलाकों पर वर्चुअल हमले कर उन्हें नष्ट करने का दावा भी किया है।
ताइवान के पास चीन के इस युद्धाभ्यास के दौरान अमरीका ने भी अपना शक्ति प्रदर्शन किया है। अमरीकी नौसेना का सातवां बेड़ा युद्धपोत यूएसएस मिलियस सोमवार को दक्षिणी चीन सागर से गुजरा। अमरीका सेना ने एक बयान जारी कर इसे नेविगेशन की स्वतंत्रता ऑपरेशन का नाम दिया है। अमरीकी सेना ने दावा किया है कि निर्देशित मिसाइलों को गिराने में सक्षम ये 7वें बेड़ा स्प्रैटली द्वीप समूह में मिसचीफ रीफ के पास 12 समुद्री मील के भीतर आ गया था। चीन ने अमरीका के इस कदम की निंदा की है।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति के वे बयान जिन पर हो रहा बवाल 1. ताइवान मुद्दे पर समझें चीन का पक्षः ब्रसेल्स को ताइवान मुद्दे पर चीन का पक्ष समझना होगा। यूरोप की एकता, यूरोप की चिंता का विषय है। चीन भी अपनी एकता के लिए चिंतित है और ताइवान उनकी इस एकता के दृष्टिकोण का हिस्सा है।