न्यूजीलैंड में भी हालात खराब होने लगे हैं। सबसे बुरी स्थिति इस समय रूस की है। यहां बीते 24 घंटे में 40 हजार से ज्यादा नए केस सामने आए, जबकि 1192 संक्रमितों की मौत हो गई। यह संख्या अब तक की सबसे अधिक है। न्यूजीलैंड में भी पहली बार एक दिन में 200 से ज्यादा नए केस सामने आए हैं।
जर्मनी की रोग नियंत्रण एजेंसी ने कहा कि पिछले 24 घंटों में 33,949 नए मामले दर्ज किए गए, जो एक सप्ताह पहले 28,037 दैनिक मामले थे। पिछला रिकॉर्ड 18 दिसंबर 2020 को 33,777 नए मामले थे। देश के संघीय स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पैन ने 16 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक कर कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने की रणनीति बनाई है।
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स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पैन और 16 राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने इस बात पर चर्चा की कि सर्दियों में कोरोना वायरस के प्रसार को कैसे सीमित किया जाए क्योंकि अस्पतालों में गहन देखभाल इकाइयां फिर से भरने लगी हैं। इसके साथ ही बच्चों में भी संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है।
आरकेआई ने गुरुवार को 165 मौतों की सूचना दी, जो एक सप्ताह पहले 126 थी। जर्मनी में COVID-19 संक्रमण से मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 96,192 हो गई है। वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों ने जर्मन निवासियों से बार-बार अपील की है कि जिन लोगों ने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाया है, वे तत्काल टीका लगवा लें।
आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि जर्मनी की 83 मिलियन आबादी के लगभग दो-तिहाई लोगों ने टीकाकरण का अपना पहला दौर पूरा कर लिया है। यहां 12 या उससे अधिक उम्र के लगभग 16.2 मिलियन लोग अभी भी बिना टीकाकरण के रहते हैं जिनमें 32 लाख से अधिक की उम्र 60 के दशक शामिल हैं।
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हालांकि, अधिकारियों ने अगस्त में 60 से अधिक और नर्सिंग होम के निवासियों और कर्मचारियों के लिए बूस्टर शॉट उपलब्ध कराने पर सहमति व्यक्त की, लेकिन यह अभी तक केवल 2 मिलियन से अधिक प्रशासित किए गए हैं। जर्मनी ने अपने कुछ यूरोपीय समकक्षों के विपरीत, किसी भी पेशेवर समूह के लिए कोरोनावायरस टीकाकरण अनिवार्य नहीं किया है। लेकिन क्षेत्रीय सरकारों ने कुछ पाबंदियां की हैं।
उन्होंने इनडोर कार्यक्रमों में कुछ प्रतिबंध लगाए है। वहीं, जिन्हें टीका लगाया जा चुका है उनके लिए कुछ नियमों को शिथिल किया है जबकि जिन्हें हाल ही में कोरोना हुआ है या जिनका कोरोना टेस्ट किया गया है, और उन लोगों के लिए नियमों को कड़ा किया गया है।
हाल के दिनों में वरिष्ठ नागरिक घरों (वृद्धाश्रमों) में कई प्रकोपों की सूचना मिलने के बाद अब नर्सिंग होम आदि में अनिवार्य परीक्षणों को लागू करने का दबाव बढ़ रहा है। यहां संक्रमण के कारण एक दर्जन से अधिक निवासियों की मृत्यु हो चुकी है।