अपने संबोधन के दौरान उन्होंने नल से जल, स्वच्छ भारत मिशन जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख भी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत में नल से जल, स्वच्छ भारत मिशन और उज्ज्वला जैसी योजनाओं ने न केवल हमारे नागरिकों को लाभ पहुंचाया है, बल्कि, उनके जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार किया है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने इसके साथ ही सम्मेलन से अलग ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद नफ्ताली की प्रधानमंत्री मोदी से पहली मुलाकात है।
प्रधानमंत्री मोदी ने COP-26 सम्मेलन में कहा, भारत सहित ज्यादातर विकासशील देशों के कृषि क्षेत्र के लिए जलवायु एक बड़ी चुनौती है। पेयजल के स्रोतों से लेकर वहनीय आवास तक, सभी को जलवायु परिवर्तन का प्रभाव सहन करने के अनुकूल बनाने की जरूरत है और इसीलिए जलवायु परिवर्तन अनुकूलन नीति को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की जरूरत है जिससे अगली पीढ़ी इस मुद्दे के प्रति जागरूक हो।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने COP-26 में कहा, हमें अनुकूलन को अपनी विकास नीतियों और योजनाओं का मुख्य भाग बनाना है। भारत में नल से जल, स्वच्छ भारत मिशन और उज्ज्वला जैसी योजनाओं ने न केवल हमारे नागरिकों को लाभ पहुंचाया है बल्कि, उनके जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार किया है। उन्होंने आगे कहा, कई पारंपरिक समुदायों को प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने की जानकारी है। स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल जीवन शैली का संरक्षण भी इसे अपनाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है।