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चीन के बच्चे चाहता है अमेरिका, इन मासूमों के लिए जिनपिंग के सामने हाथ फैलाएंगे बाइडेन 

USA China: चीन और अमेरिका के बीच अब बच्चों को लेकर एक तरह का वॉर देखने को मिल सकता है। अब ये बच्चे या तो दोनों देशों के बीच की दूरी को खत्म करेंगे या फिर इन दूरियों को और बढ़ा देंगे।

नई दिल्लीSep 21, 2024 / 11:10 am

Jyoti Sharma

China changed child adoption policy foreign couples affected including USA

Xi Jinping and Joe Biden

USA China: चीन और अमेरिका के बीच अब 36 का आंकड़ा है। दोनों देशों के बीच बीते कई सालों से ट्रेड वॉर तो चल ही रहा है, साथ ही चीन पर कई तरह के प्रतिबंध भी अमेरिका ने लगा दिए हैं। लेकिन अब पासा पलट रहा है। अब अमेरिका को चीन के सामने हाथ फैलाने पड़ सकते हैं, वो भी छोटे-छोटे बच्चों के लिए, जी हां, अब समीकरण ही कुछ ऐसे बन रहे हैं। यानी अब जो शी जिनपिंग (Xi Jinping) अमेरिका की आंखों में इतना खटकते हैं, अब उन्हीं चीन के राष्ट्रपति के सामने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) अब अपने हाथ फैलाकर बच्चों की भीख मांगते दिखेंगे, आखिर क्या है ये पूरा मामला, आइये जानते हैं। 
दरअसल बढ़ती आबादी से ज्यादातर देश खासे परेशान हैं। कई देशों ने अब जनसंख्या को घटाने की नीतियां अपनाई हैं, वहीं चीन अपने देश में बढ़ती बुजुर्ग आबादी को देखते हुए लगातार चाइल्ड पॉलिसी (Child Policy) में बदलाव कर रहा है और अब इस देश ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे अमेरिका समेत कई देशों के लाखों निःसंतान लोगों को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल चीन ने पहले एक बच्चा नीति हटाई और अब उसने विदेशी परिवारों को बच्चा गोद देने की योजना भी खत्म करने का ऐलान कर दिया। 

आखिर क्यों लिया इतना कड़ा फैसला?

दरअसल बढ़ती जनसंख्या को कंट्रोल करने के लिए चीन ने 1992 में एक बच्चा नीति (Single Child Policy) लागू की थी, जिसमें एक परिवार सिर्फ एक ही बच्चा पैदा कर सकता था। अगर किसी परिवार ने इस नियम का उल्लंघन किया तो उसे कठोर सजा भी मिलती थी। ऐसे में लोगों के अंदर सजा का डर बैठ गया और अगर उन्हें एक से ज्यादा बच्चा होता तो वो उसे छोड़ देते थे। 
दूसरी तरफ ये चीनी परिवार एक बच्चे के तौर पर लड़कों को ज्यादा तरजीह देते थे। जिसकी वजह से वो लड़कियों को छोड़ने लगे। इसलिए चीन में इस तरह छोड़े गए बच्चों की संख्या बढ़ने लगी। तब चीन की सरकार ने इन छोड़े गए बच्चों को विदेशी जोड़ों को गोद देने का फैसला किया। जिसके बाद चीन ने बच्चा गोद देने की पॉलिसी बनाई और इसीके तहत पहले ही साल में करीब 200 बच्चों को अमेरिका के जोडो़ं ने गोद ले लिया। 
इसके बाद 2005 तक दुनियाभर के जोड़ों ने करीब 8000 चीनी बच्चों को गोद ले लिया। लेकिन यहीं पर एक समस्या पैदा हो गई। दरअसल चीनी बच्चों की मांग इतनी ज्यादा बढ़ गई कि चीन इतने बच्चे दे भी नहीं पा रहा था, क्योंकि तब एक बच्चा नीति आड़े आ रही थी। जिससे चीन की जन्म दर काफी गिर गई थी। जिसके बाद चीन ने 2015 में इस एक बच्चे की पॉलिसी को खत्म कर दिया।

सैकड़ों अमेरिकियों का टूटा सपना

चीन के इस फैसले से उन सैकड़ों अमेरिकियों को झटका लगा है जो चीनी बच्चों को गोद लेने का सपना संजोए बैठे थे। ये जोड़े उन बच्चों से मिल चुके थे, जिन्हें वो गोद लेने वाले थे। लेकिन इसी बीच चीन के इस बड़े फैसले से उन सभी को गहरा आघात लगा है। वहीं अमेरिकी सरकार ने कहा है कि बच्चा गोद देने की इस पॉलिसी पर वो अमेरिका से बात करेंगे। 

80 करोड़ हो जाएगी चीन की जनसंख्या

चीन की एक बच्चा पॉलिसी के चलते देश बूढ़ा हो रहा था,देश में युवाओं की संख्या में काफी गिरावट आ गई थी। नतीजा यह हुआ कि युवाओं की संख्या में तेजी से कमी आई 1960 के दशक में आए अकाल के बाद पहली बार 2022 में चीन में जन्म की तुलना में मौतें ज्यादा हुईं। UN यानी संयुक्त राष्ट्र की 2024 विश्व जनसंख्या संभावना रिपोर्ट के मुताबिक ये अनुमान लगाया है कि चीन की 1.4 अरब से ज्यादा की जनसंख्या इस सदी के आखिरी तक घटकर 80 करोड़ से कम हो जाएगी। क्योंकि अब राष्ट्रपति शी जिनपिंग लोगों को शादी करने और बच्चे पैदा करने के लिए कह रहे हैं। 

अब बच्चा गोद देने की पॉलिसी भी खत्म 

चीन की बच्चा गोद देने की पॉलिसी के तहत 1992 में लगभग डेढ़ लाख बच्चे विदेश भेजे गए थे। इसमें आधे से ज्यादा अमेरिकी परिवार थे जिन्होंने चीनी बच्चों को गोद लिया था। लेकिन अब बच्चों की कमी के चलते 5 सितंबर को चीनी विदेश मंत्रालय ने इस पॉलिसी को खत्म करने का ऐलान कर दिया। 

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