चुनौतियों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया
यह प्रस्ताव मुख्य रूप से कनाडा की कंजर्वेटिव पार्टी द्वारा लाया गया था, जिसमें ट्रूडो सरकार को देश में बढ़ती महंगाई और आवास क्षेत्र की चुनौतियों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। हाल ही में ट्रूडो सरकार की प्रमुख सहयोगी, न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी, ने सरकारी गठबंधन से अलग होने की घोषणा की थी, जिससे उनकी स्थिति और भी मुश्किल में आ गई थी। हालांकि, ट्रूडो के समर्थकों का मानना है कि 2025 से पहले चुनावों की कोई संभावना नहीं है, जिससे उनकी सरकार को थोड़ी राहत मिली है। कनाडा सरकार में भारतीय समुदाय के लोग शामिल हैं और कनाडा सरकार के फैसलों से भारतीय समाज भी प्रभावित होता है। कनाडा में भारतीयों की तादाद
कनाडा में भारतीयों ( Indain Diaspora) की तादाद बढ़ती जा रही है। साल 2021 की जनसंख्या के मुताबिक, कनाडा में भारतीय मूल के करीब 1.86 मिलियन लोग रहते हैं । यह देश की कुल आबादी का 5% है और सन 2013 से 2023 के बीच, कनाडा में भारतीयों ( Indain Community) की संख्या 32,828 से बढ़ कर 139,715 हो गई । यह 326% की वृद्धि है । साल 2022 में 118,095 भारतीय कनाडा में स्थायी निवासी बन गए। कनाडा में अब भारतीयों की संख्या 20 लाख तक पहुंच जाने की उम्मीद है। उधर कनाडाई विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की संख्या में 2000 में 2,181 से बढ़कर 2021 में 128,928 हो गई है। कनाडा में ज़्यादातर भारतीय ( NRI News in Hindi) ओंटारियो और ब्रिटिश कोलंबिया में रहते हैं। पिछले कुछ समय से एलबर्टा व क्यूबेक में भी भारतीय लोगों की जनसंख्या बढ़ी है।
कनाडा में पंजाबियों की तादाद
कनाडा में पंजाबी कनाडाई ( Punjabi Community) लोगों की संख्या करीब 9,50,000 है, जो देश की आबादी का 2.6% है कनाडा में पंजाबी समुदाय की विरासत भारत और पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र से जुड़ी हुई है। पंजाबी पहली बार 19वीं सदी के अंत में वन उद्योग में काम करने के लिए कनाडा पहु्चें थे। पंजाबी आबादी 1908 में सबसे ज़्यादा थी, इसके बाद जनसंख्या में गिरावट आई और फिर स्थिर हो गई। बीसवीं सदी के मध्य में कनाडा में आव्रजन के नियमों में ढील दी गई, जिससे पंजाबी आबादी में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है।आज कनाडा में सबसे बड़ा पंजाबी समुदाय ब्रिटिश कोलंबिया, खास तौर पर वैंकूवर में है। वहीं कनाडा में पंजाबी समुदाय का एक बड़ा हिस्सा ओंटारियो प्रांत में, खास तौर पर टोरंटो में भी रहता है।