किसी धर्म पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा
प्रवासी भारतीय ( nri news) प्रसाद का कहना है कि सीएए का किसी भी धर्म के मौजूदा भारतीय नागरिकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह लगभग 31,000 धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए भारतीय नागरिकता प्रक्रिया को तेजी से ट्रैक करता है, जो अत्यधिक और प्रणालीगत उत्पीड़न के कारण पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भाग गए थे।
उन्होंने कहा कि हम अमरीका (america) और कनाडा (canada) के निवासियों से खुद को और अपने आसपास के लोगों को इस विषय पर समझाने और एजुकेट करने की जरूरत है। ध्यान रहे कि कोहेन ने इस विषय पर किए जा रहे फर्जी प्रचार का मुकाबला करने व गलत सूचना को फिर से फैलने से रोकने के लिए सन 2020 में सीएए पर एक शिक्षा और वकालत अभियान चलाया था, जिसके तहत इसके खिलाफ आठ शहरों ने प्रस्ताव पारित किया था।
दूसरी ओर, भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद ने भारत की ओर से सीएए लागू करने की घोषणा की निंदा की और गंभीर चिंता व्यक्त की, जिसे उसने “भेदभावपूर्ण” बताया है। आईएएमसी अध्यक्ष मोहम्मद जवाद का कहना है कि यह कानून भेदभावपूर्ण इरादे की एक प्रमुख अभिव्यक्ति है, जिसे भारतीय मुसलमानों के साथ भेदभाव करने, बेदखल करने और मताधिकार से वंचित करने के स्पष्ट उद्देश्य से बनाया गया है। प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के साथ विचार करने पर इसका कपटपूर्ण उद्देश्य स्पष्ट रूप से स्पष्ट हो जाता है।