टोरी सांसद डेविड डेविस ने कहा है कि हम पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन और लिज ट्रस के राज की कारगुजारियों की कीमत चुका रहे हैं। पीएम थेरेसा मे के मंत्रिमंडल में रह चुके डेविस ने हालांकि मौजूदा पीएम ऋषि सुनक की जमकर तारीफ की है। डेविस ने कहा है कि ऋषि सुनक बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और जमीन पर पकड़ बना रहे हैं, लेकिन हमें वापस आने में समय लगेगा।
यहां हुआ उलटफेर
– कंजरवेटिव पार्टी 15 परिषदों से सत्ता से बाहर हुई
– लंदन के पश्चिम स्थित समृद्ध शहर विंडसर और मेडवे में भी सुनक की पार्टी हारी
-प्लायमाउथ और स्टोक-ऑन-ट्रेंट, टैमवर्थ, ब्रेंटवुड, नॉर्थ वेस्ट लीसेस्टरशायर, हर्ट्समेरे और ईस्ट लिंडसे में भी लेबर पार्टी की जीत। – लिंकनशायर में साउथ केस्टेवेन, हर्टफोर्डशायर में साउथ ग्लॉस्टरशायर और वेल्विन हैटफील्ड में लेबर पार्टी को जीत मिली।
– मिडिल्सब्रा के मेयर पद पर भी लेबर पार्टी का कब्जा।
चुनाव में नदियों का प्रदूषण, कचरा संग्रहण और नालियों की सफाई जैसे स्थानीय मुद्दे हावी रहे। साथ ही मतदाताओं में कंजरवेटिव पार्टी की ओर से पीएम रहे बोरिस जॉनसन और लिज ट्रस के कामकाज से नाराजगी भी बड़ा मुद्दा रही। बता दें, जॉनसन ने इन चुनावों में पार्टी के लिए चुनाव प्रचार भी नहीं किया।
पीएम सुनक ने चुनाव परिणामों को पार्टी के लिए निराशाजनक बताते हुए कहा है कि फिलहाल अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। वहीं कंजरवेटिव पार्टी के चेयरमैन ग्रेग हैंड्स ने कहा है कि ये पार्टी के लिए निराशाजनक रात है। ग्रेग ने कहा कि मैं पहले ही कहते आ रहा था कि 5 मई पार्टी के लिए एक कठिन रात होगी। सभी स्वतंत्र अनुमान बता रहे थे कि हम 1,000 सीटें खोने जा रहे हैं। लेकिन इतना तय है कि लेबर पार्टी के लिए भी कुछ इलाकों में परिणाम बेहतर नहीं रहे हैं।
लेबर पार्टी के नेता कीर स्टारर ने दावा किया कि उनकी पार्टी आगामी आम चुनावों में बहुमत की राह पर है। स्टारर ने मेडवे में यह बयान दिया है, जहां लेबर पार्टी ने 1998 के बाद पहली बार यहां की परिषद में बहुमत हासिल किया है। मेडवे की जीत को सांकेतिक रूप से लेबर पार्टी के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। वहीं लेबर पार्टी की राष्ट्रीय कैंपेन संयोजक शबानम मेहमूद ने कहा है कि पार्टी ने कम से कम तीन नई परिषदों में बहुमत हासिल किया है और ये चुनाव सुनक के लिए बड़ी हार साबित हुए हैं।
जानकारों का कहना है कि स्थानीय परिषदों के परिणाम यूके का समग्र तस्वीर नहीं है। इस दौरान लंदन, स्कॉटलैंड, या वेल्स में कोई चुनाव नहीं थे, जबकि उत्तरी आयरलैंड में 18 मई को मतदान होना है। लेकिन इतना तय है विपक्ष को आधार मिल रहा है। लेकिन अभी चुनाव दूर हैं।