आरिफ अल्वी हैं मौजूदा राष्ट्रपति पाकिस्तान में मौजूदा राष्ट्रपति आरिफ़ अल्वी (Arif Alvi) हैं। जो इमरान खान की पार्टी PTI यानी पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ के सदस्य हैं। इमरान खान (Imran Khan) को तो पाकिस्तान की सत्ता मिली नहीं, ऐसे में अब पाकिस्तान की रूलिंग पार्टी PMLN और PPP हर हाल में आरिफ अल्फी को बाहर का रास्ता दिखाना चाहते हैं और अपनी पार्टी के सदस्य को राष्ट्रपति की कुर्सी पर बिठाना चाहते हैं और इसका निश्चय तो पाकिस्तान के चुनाव के दौरान ही हो गया था।
आसिफ जरदारी हैं प्रबल उम्मीदवार अब आपको बताते हैं कि आखिर कौन हैं जो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। पाकिस्तान की PPP जिस सदस्य की बात कर रही है उनका नाम है आसिफ़ अली ज़रदारी, (Asif Ali Zardari). ये पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो (Benazir Bhutto) के पति हैं और PPP के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो के पिता हैं। आसिफ़ 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रह चुके हैं। अब फिर से उनके राष्ट्रपति बनने की बयार तेज हो गई है।
बेनज़ीर भुट्टो के भाई की हत्या का आरोप आसिफ अली ज़रदारी के बारे में अगर बताएं तो एक वक्त पर वो अमेरिका के काफी चहेते थे। अफगानिस्तान में युद्ध में जरदारी ने अमेरिका का बहुत साथ दिया था। अपनी पत्नी बेनजीर भुट्टो (Benazir Bhutto) की तरह वो भारत से शांति बनाने की बात करते थे, हालांकि ये भी सिर्फ उनकी बात ही थी, क्योंकि असल में उन्होंने ऐसा कभी किया नहीं। बेनजी़र भुट्टो भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अपना आदर्श मानती थीं। आसिफ़ अली ज़रदारी बेनजी़र भुट्टो के भाई यानी अपनी ही पत्नी के भाई की हत्या के आरोपी भी थे। दरअसल 1996 में जब पाकिस्तान में बेनज़ीर भुट्टो की सरकार थी, तब ज़रदारी पर बेनज़ीर भुट्टो के भाई और पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो (Zulfikar Ali Bhutto) के बेटे मुर्तजा भुट्टो (Murtaza Bhutto) की हत्या कराने का आरोप लगा। मुर्तजा एक पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था। इस आरोप और सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद ये सरकार बर्खास्त हो गई। हालांकि ज़रदारी पर हत्या का आरोप कभी साबित हो नहीं पाया।
मनी लॉंड्रिंग केस में जेल भी गए थे ज़रदारी इन आरोपों के बीच ज़रदारी ने दुबई भागने की कोशिश की तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया। इसके बाद 1998 में उन पर मनी लॉंड्रिंग का आरोप लगा, 2003 में वो इस केस में दोषी पाए गए, यही नहीं उन्हें 6 महीने की सजा भी हुई थी।
ऐसे बने ‘मिस्टर 10 परसेंट’ बता दें कि जब पाकिस्तान की सत्ता बेनज़ीर भुट्टो के हाथ में आई थी, तब तो वो पाकिस्तान के मोस्ट इंपोर्टेंट पर्सन बन गए थे। ऐसा कहा जाता है कि पाकिस्तान की सत्ता का कोई काम तब ज़रदारी के बगैर नहीं हो पाता था। प्रधानमंत्री के पति होने का वो पूरा फायदा उठाते थे। तब कई खबरें ऐसी आईं थी, बड़े-बड़े प्रोजेक्ट और काम की फाइलें बगैर जरदारी की परमिशन के पास नहीं होती थी, और ये फाइलें पास कराने के लिए ज़रदारी 10 परसेंट का कमीशन भी लेते थे। तभी से उनका नाम मिस्टर 10 परसेंट पड़ गया था।
जरदारी ने आज राष्ट्रपति पद के लिए अपना नामांकन भर दिया है। 9 मार्च को चुनाव हैं और उनके सामने पश्तून नेता महमूद खान अचकई खड़े हैं। लेकिन पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस चुनाव में ज़रदारी के जीतने की संभावना है।