पहले ही मिल गई थी जानकारी
दरअसल ट्रंप पर हमले को लेकर अमेरिका की गुप्त सेवा और ट्रम्प के चुनाव अभिय़ान को ईरान के खतरे के बारे में पहले बताया गया था। जिसके बाद डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। अमेरिकी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ट्रम्प और उनके पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को 2020 के ड्रोन हमले के बाद से तेहरान से खतरों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें इराक में ईरान के कुद्स बल के नेता कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी।
ट्रंप की बढ़ाई गई सुरक्षा
अमेरिकी गुप्त सेवा के प्रवक्ता एंथनी गुग्लिल्मी ने कहा कि एजेंसियां लगातार नए संभावित खतरे की जानकारी ले रही हैं। वो किसी भी बड़े खतरे को लेकर अभी कुछ कह नहीं सकते। ट्रंप की हत्या की साजिश के मामले में व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि अमेरिकी सुरक्षा अधिकारी सालों से ट्रम्प प्रशासन के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ ईरानी खतरों पर नज़र रख रहे थे।
चुनावी रैली के दौरान हुआ था हमला
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर शनिवार (13 मई) को चुनावी रैली के दौरान उन्हें गोली मार दी गई थी। जो उनके कान को भेदते हुए निकल गई थी। जिसके बाद ट्रंप का दो दिन तक इलाज चला था। अब वो स्वस्थ हैं और वो बीते मंगलवार को सार्वजनिक रूप से रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में मौजूद रहे थे।