2030 से शुरू हो जाएगी तबाही
दरअसल अच्युतानंददास की किताब भविष्य मालिका (Bhavishya Malika) में लिखा गया है कि 2030 से कलियुग का अंत के चरण शुरू हो जाएंगे और पूरी तरह ये 3 चरणों में खत्म होगा। अच्युतानंददास की भविष्यवाणी में कहा गया है कि 2030 तक धरती पर ऐसी कई घटनाएं होंगी जिसमें सूर्य के दर्शन तक नहीं होंगे और लगातार 7 दिनों तक अंधेरा छाया रहेगा।
क्या है कलियुग के अंत के 3 चरण
कलियुग हिंदू युगों के चक्र में चौथा और आखिरी युग माना गया है। कहा जाता है कि कलियुग उस समय की पहचान है जिसमें नैतिकता और आध्याकमिकता का पतन हो रहा है। कलियुग की शुरुआत 3102 ईसा पूर्व में हुई थी, और इस समय ये 5,123 वें वर्ष में है। हर युग की शुरुआत हुई है और हर युग का अंत निश्चित है। संस्कृत में लिखी गई भविष्य मालिका में लिखा गया है कि 3 चरणों में कलियुग का अंत होगा। पहले चरण में तो पूरी धरती पर तबाही आएगी, इससे धरती पर रहने वाले इंसान समेत सभी प्राणी काल के गाल में समा जाएंगे, इसे दूसरा चरण कहा गया है, वहीं तीसरे चरण में दूसरे युग यानी सतयुग का आरंभ होगा।
अब तक ये भविष्यवाणियां हुईं सच
बता दें कि अच्युतानंददास ने भविष्य मालिका ग्रंथ संस्कृत में लिखा है। ये ग्रंथ भगवान विष्णु और नारद मुनि के बीच वार्तालाप का लिखित रूप है। इस किताब में जगन्नाथपुरी को लेकर भविष्यवाणी की गई थी जो सच हो चुकी है। जैसे भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश के कपडो़ं का जलना, मंदिर के शिखर पर गिद्ध का बैठना सच हो चुका है। यही नहीं इस किताब में कई देशों में गृहयुद्ध और तीसरे विश्व युद्ध के बारे में लिखा हुआ है। जो इस वक्त बांग्लादेश, गाज़ा, यूक्रेन, सीरिया, लेबनान के हालातों से सच हो रहा है।
भविष्य मलिका में की गईं हैं ये भविष्यवाणियां
1- धार्मिक आस्था और नैतिकता में गिरावट 2- प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि 3- शक्तिशाली एवं दुष्ट नेताओं का उदय 4- युद्धों और संघर्षों की एक श्रृंखला 5- दुनिया का अंतिम विनाश बता दें कि भविष्य मलिका को लेकर विवाद भी है। कुछ हिंदुओं का मानना है कि ये काल्पनिक रचना है। वहीं कई लोगों का मानना है कि ये वास्तविक भविष्यवाणी है और ये मानवता को अपने तरीके बदलने की चेतावनी है। लोग इस पर विश्वास इसलिए कर रहे हैं कि क्योंकि भविष्य मालिका की कई भविष्यवाणियां सच हो चुकी हैं।