दुनियाभर में 11 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने खोया अपना घर
यूनाइटेड नेशंस हाई कमिशनर फॉर रिफ्यूजीस (United Nations High Commissioner for Refugees – UNHCR) नाम की संस्था ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार अब तक दुनिया में 110 मिलियन यानी कि 11 करोड़ लोग अपना घर खो चुके हैं। ये लोग या तो अपने ही देश में विस्थापित हो गए हैं, या फिर दूसरे देश में रिफ्यूजी के तौर पर रहने के लिए मजबूर हैं।
पिछले साल 1.9 करोड़ लोग विस्थापित
पिछले साल एक साल में सबसे ज़्यादा 1.9 करोड़ लोगों ने अपना घर खोया था। इनमें अपने ही देश में विस्थापित और दूसरे देशों में रिफ्यूजी के तौर पर शरण लेने वाले लोग शामिल थे।
इस साल 14 लाख से ज़्यादा लोग विस्थापित
इस साल अब तक 14 लाख से ज़्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं। इनमें भी अपने ही देश में विस्थापित और दूसरे देशों में रिफ्यूजी के तौर पर शरण लेने वाले लोग शामिल थे।
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क्या है वजह? लोगों के अपना घर खोने और विस्थापित होने की सबसे बड़ी वजह है युद्ध और हिंसा। युद्ध और आंतरिक हिंसा की वजह से जान-माल का नुकसान तो होता है ही, साथ ही लोगों को अपनी जान बचाने के लिए अपने घर और कई बार तो अपने देश तक से हाथ धोना पड़ता है। पिछले साल रूस-यूक्रेन युद्ध के शुरू होने के बाद से अब तक बड़ी संख्या में यूक्रेन के लोग अपने देश में विस्थापित होने के साथ ही दूसरे देशों में रिफ्यूजी की तरह रहने के लिए मजबूर हो गए। इस साल पिछले दो महीने से चल रही सूडान हिंसा के चलते भी बड़ी संख्या में लोग अपने देश में तो विस्थापित हुए ही, दूसरे देश में रिफ्यूजी के तौर पर रहने को मजबूर भी हो गए।
और सिर्फ रूस-यूक्रेन युद्ध या सूडान हिंसा ही नहीं, लंबे समय तक अफगानिस्तान में चली अशांति की वजह से भी बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घर खोए। सीरिया, ईरान और दूसरे कई इस्लामिक देशों के साथ ही कई अफ़्रीकी देशों में भी लंबे समय से चली आ रही हिंसा की वजह से लोगों ने अपने घर खो दिए और या तो अपने ही देश में विस्थापित होना पड़ा, या शरण के लिए रिफ्यूजी बनकर दूसरे देशों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा।