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Kenya Violence: हिंसक भीड़ ने आग के हवाले की केन्या की संसद, 10 की मौत, राष्ट्रपति का मांगा इस्तीफा 

Kenya Violence: केन्या के इस विधेयक में कई कर बढ़ोतरी का प्रस्ताव है, जिसका व्यापक विरोध हुआ है। बिल के प्रमुख तत्वों में पेट्रोलियम पर वैट को 8% से बढ़ाकर 16% करना, व्यापार टर्नओवर कर को 1% से बढ़ाकर 3% करना और नए 1.5% हाउसिंग लेवी की शुरूआत शामिल है। 

नई दिल्लीJun 26, 2024 / 12:56 pm

Jyoti Sharma

10 dead so far due to police firing in Kenya's Parliament

10 dead so far due to police firing in Kenya’s Parliament

Kenya Violence: केन्या में टैक्स बढ़ोतरी के खिलाफ वहां की संसद में जो विरोध शुरू हुआ वो अब हिंसा में बदल चुका है। प्रदर्शनकारियों ने संसद के अंदर घुसकर अंदर आग लगा दी, जिससे इमारत के कई हिस्सों में आग लग गई। इन प्रदर्शनकारियों को पुलिस भी नहीं रोक पाई। केन्या (Kenya) की स्थानीय मीडिया के मुताबिक संसद के बाहर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ। पुलिस को भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस तक का इस्तेमाल करना पड़ा, लेकिन जब भीड़ इससे भी नहीं रुकी तब पुलिस ने भीड़ पर गोलियां चलाईं, जिससे 10 लोगों की मौत हो गई। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद नेताओं समेत लोगों में जबरदस्त आक्रोश पैदा हो गया है। राजधानी नैरोबी में से ऐसे कई वीडियो सामने आ रहे हैं, जिनमें भीषण आगजनी और तोड़फोड़ दिखाई दे रही है।

राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग

इधर हिंसा पर केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो (William Ruto) कहा कि टैक्स बढ़ाने के विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद हिंसा में तब्दील होने के बाद सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता थी। जो पूरी नहीं हो सकी। ससंद को उपद्रवियों ने हाईजैक कर लिया है। (Kenya Violence) सुरक्षा बल उन्हें खदेड़ने में लगे हुए हैं। इधर केन्या के नैरोबी समेत दूसरे शहरों में भी हिंसी जारी है। यहां कई जगह विरोध प्रदर्शन और झड़पें हुईं। लोगों ने रूटो से इस्तीफा देने की मांग की है। 

राष्ट्रपति रूटो बोले ये आतंक फैला रहे हैं

राष्ट्रपति रूटो (William Ruto) ने टीवी पर अपने संबोधन में कहा कि लोग जो इस तरह की हिंसा कर रहे हैं और पूरे देश में फैला रहे हैं ये सही नहीं है। यहां तक ​​कि इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि वो ये सोच भी नहीं सकते थे कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी होने का दिखावा करने वाले ये लोग अपराधी हो सकते हैं और इस तरह का आतंक फैला सकते हैं।

क्यों फैली हिंसा ?

बता दें कि राष्ट्रपति ने लगभग दो साल पहले केन्या के कामकाजी गरीबों की वकालत करने के मंच पर चुनाव जीता था, लेकिन वो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) जैसे ऋणदाताओं की प्रतिस्पर्धी मांगों के बीच फंस गए हैं, जो सरकार से ज्यादा पैसा पाने के लिए घाटे में कटौती करने का आग्रह कर रहे हैं और एक कठिन कदम उठा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक केन्या के लोग कोविड-19 महामारी के लंबे समय तक बने रहने वाले प्रभाव, यूक्रेन में युद्ध, लगातार दो सालों के सूखे और मुद्रास्फीति के चलते होने वाले कई आर्थिक झटकों से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

क्या है ये टैक्स बढ़ोतरी के ये बिल?

केन्या (Kenya) की संसद में वित्त विधेयक का लक्ष्य केन्या के भारी-भरकम कर्ज को कम करने की कोशिशों के तहत अतिरिक्त 2.7 बिलियन डॉलर जुटाना है, जिसमें अकेले ब्याज भुगतान में वार्षिक राजस्व का 37% खर्च है। केन्या के नए वित्त विधेयक ने पूरे देश में महत्वपूर्ण विरोध प्रदर्शन और हिंसा को जन्म दिया है। इस विधेयक में कई कर बढ़ोतरी का प्रस्ताव है, जिसका व्यापक विरोध हुआ है। बिल के प्रमुख तत्वों में पेट्रोलियम पर वैट को 8% से बढ़ाकर 16% करना, व्यापार टर्नओवर कर को 1% से बढ़ाकर 3% करना और नए 1.5% हाउसिंग लेवी की शुरूआत शामिल है। 
सरकार का कहना है कि इनका उद्देश्य सरकार को बाहरी उधार पर अपनी निर्भरता कम करने में मदद करना और COVID​​​​-19 महामारी के कारण चल रहे जीवन-यापन संकट का समाधान करना है लेकिन आलोचकों का तर्क है कि इस तरह की टैक्स बढ़ोतरी से आम जनता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और आर्थिक कठिनाइयाँ और बढ़ेंगी। जिसकी वजह से अब ये हिंसा हो रही है। 

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