जल्दी करने लगते हैं थकान का एहसास तो अपनाए ये उपाए
सूर्य नमस्कारसूर्य नमस्कार 8 अलग-अलग मुद्राओं का एक कॉम्बिनेशन है, जो शरीर के दोनों किनारों दाएं और बाएं के लिए 12 चरणों के अनुक्रम में पिरोया जाता है। सूर्य नमस्कार को दाईं ओर से शुरू किया जाता है क्योंकि सूर्य की एनर्जी को सही के माध्यम से प्रतीकात्मक रूप से दर्शाया जाता है। एक पूर्ण चक्र दाएं और बाएं दोनों पक्षों को कवर करते हुए 24 गणनाओं से बना है।
उत्कटासन
इसे चेयर पोज के नाम से भी जाना जाता है।
इसे करने के लिए सीधी खड़ी हो जाएं।दोनों पैरों को फैला लें।दोनों हाथों को आगे की तरफ फैलाएं। हथेली नीचे की तरफ रहेगी। हाथ सीधे रहें और कुहनियां मुड़ी हुई न हों। घुटनों को धीरे-धीरे मोड़ें और पेल्विस को नीचे की तरफ ले जाएं।
त्रिकोणासन
त्रिकोण’ का अर्थ होता है त्रिभुज और आसन का अर्थ योग है। इसका मतलब यह हुआ कि इस आसन में शरीर त्रिकोण की आकृति का हो जाता है, इसीलिए इसका नाम त्रिकोणासन रखा गया है।
मलासन
घुटनों को मोड़कर मल त्याग करने वाली अवस्था में बैठें। दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर घुटनों पर टिका दें। दोनों हाथों की हथेलियों को आपस में मिलाएं। हाथ जोड़कर नमस्कार की मुद्रा बना लें।