महिलाओं में एक खास हार्मोन यानी एस्ट्रोजन होता है। यह हार्मोन कैल्शियम के अवशोषण में बड़ी भूमिका निभाता है। जब महिलाएं 20-30 की उम्र में होती हैं, तो ज्यादा मात्रा में बनता है लेकिन 30-40 की उम्र में आते-आते एस्ट्रोजन हार्मोन शरीर में कम बनने लगता है। डाइट में लिए गए कैल्शियम का शरीर ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाता और महिला की हड्डियां कमजोर होना शुरू हो जाती हैं। यही कमजोर हड्डियां अलग-अलग तरह की समस्याओं का कारण बनती हैं। दूसरा, कुछ खराब आदतें हैं जो इस तरह की समस्या को बनाती और बढ़ाती हैं।
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इनके चलते होती है समस्या 1. ज्यादा प्रोटीन खाने से एसिडिटी होती है। इससे भी कैल्शियम यूरिन में ज्यादा निकलता है।
2. कार्बोनेटेड ड्रिंक्स में फास्फेट ज्यादा होता है जो कैल्शियम को कम कर हड्डियों को कमजोर बनाते हैं।
3. ज्यादा मात्रा में एसिडिटी वाली दवाएं लेने से शरीर को कैल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक जैसे खनिज पदार्थों को अवशोषित करने में मुश्किल होती है।
5. ज्यादा तनाव से कोर्टिसॉल हार्मोन बढ़ता है। इससे ब्लड शुगर बढ़ता और टॉयलेट के रास्ते कैल्शियम भी शरीर से बाहर निकलता है।
6. ज्यादातर महिलाओं में विटामिन डी3 की कमी होती है क्योंकि वे धूप में कम जाती हैं।
7. महिलाएं कम दूध पीती हैं जबकि कैल्शियम का मुख्य स्रोत डेयरी प्रोडक्ट ही हैं।
8. ज्यादातर महिलाएं व्यायाम नहीं करती हैं। इससे हड्डियों में अकडऩ और दूसरी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।
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ऐसे करें बचाव
शरीर को रोज 700-1000 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है। डाइट में कैल्शियम से भरपूर फूड्स जैसे- दूध, दही, पनीर, चीज, हरी सब्जियां, राजगिरा के बीज, तिल के बीज, दाल, राजमा, छोले, बादाम आदि को जरूर शामिल करें।
सुबह करीब 9-10 बजे हर दिन थोड़ी देर धूप में बैठें ताकि शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन-डी मिल सके।
महिलाओं को रोज कम से कम 5000 कदम जरूर चलना चाहिए। अकडऩ-जकडऩ से आराम मिलेगा। हड्डियों में नए सेल्स बनेंगे।
वजन कंट्रोल रखें। ज्यादा वजन घुटनों पर जोर बढ़ाता है। घुटने जल्दी खराब होते हैं। इससे जोड़ों का कार्टिलेज ज्यादा तेजी से घिसता है।