मस्कुलोस्केलेटल दर्द (Musculoskeletal Pain) मेनोपॉज का एक आम लक्षण है, जो मांसपेशियों के कार्य और द्रव्यमान को भी प्रभावित करता है। सार्कोपेनिया एक प्रकार का मस्कुलोस्केलेटल रोग है, जो उम्र बढ़ने के साथ मांसपेशियों के द्रव्यमान और ताकत के कम होने के कारण होता है।
जर्नल मेनोपॉज में प्रकाशित अध्ययन ने “हार्मोन की कमी” को “उम्र” से ज्यादा मांसपेशियों की समस्याओं का कारण बताया है।
सर्जिकल मेनोपॉज कराने का साइड-इफेक्ट Side-effects of surgical menopause
जबकि रजोनिवृत्ति (Menopause) से डिम्बग्रंथि हार्मोन का स्तर काफी कम हो जाता है, लेकिन यह कमी उन महिलाओं में और भी ज्यादा गंभीर होती है, जिन्होंने समय से पहले मेनोपॉज कराया है, चाहे वह प्राकृतिक रूप से हुआ हो या सर्जरी के माध्यम से। इसके अलावा, समय से पहले मेनोपॉज कराने वाली महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) का स्तर भी काफी कम हो जाता है, ऐसा शोधकर्ताओं ने बताया। लगभग 650 अमेरिकी महिलाओं पर किए गए अध्ययन में टीम ने पाया कि जिन महिलाओं ने समय से पहले सर्जिकल मेनोपॉज (Surgical Menopause कराया था, उनमें 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र में प्राकृतिक मेनोपॉज वाली महिलाओं की तुलना में मस्कुलोस्केलेटल दर्द और सार्कोपेनिया विकसित होने की संभावना अधिक थी।
द मेनोपॉज सोसाइटी की चिकित्सा निदेशक स्टेफनी फॉबियन ने कहा, “यह अध्ययन समय से पहले सर्जिकल मेनोपॉज (Surgical Menopause) के संभावित दीर्घकालिक मस्कुलोस्केलेटल प्रभावों को उजागर करता है, जो प्राकृतिक मेनोपॉज की तुलना में एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन सहित डिम्बग्रंथि हार्मोन का अधिक अचानक और पूर्ण रूप से नुकसान पहुंचाता है।”
उन्होंने कहा, “प्राकृतिक रजोनिवृत्ति की उम्र तक हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के इस्तेमाल से शुरुआती एस्ट्रोजन की कमी के कुछ प्रतिकूल दीर्घकालिक प्रभावों को कम करने की क्षमता है।” अध्ययन में यह भी पुष्टि की गई कि मांसपेशियों में जकड़न की शिकायतें रजोनिवृत्ति के दौरान सबसे अधिक होती हैं, जो 40 से 55 वर्ष की आयु की 54 प्रतिशत अमेरिकी महिलाओं को प्रभावित करती हैं।
(आईएएनएस)