स्त्री रोग कैंसर विशेषज्ञ, औरंगाबाद इन वजहों से होता रोग
यह ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) की वजह से होता है। एचपीवी प्रजनन पथ का सबसे आम वायरल संक्रमण है। 5 में से 4 महिलाओं को 50 साल की उम्र तक कम से कम एक बार एचपीवी हुआ होगा। अधिकांश एचपीवी संक्रमण बिना लक्षणों के होते हैं और अनायास ही ठीक हो जाते हैं। वैश्विक स्तर पर सर्वाइकल कैंसर के 70 फीसदी मामलों के लिए एचपीवी 16 और 18 जिम्मेदार हैं।
लंबे समय से एसिडिटी है तो दूध की जगह हर्बल टी लें, नारियल पानी पीएं
रिस्क फैक्टर
कमजोर इम्युनिटी
मल्टीपल पार्टनर व धूम्रपान
स्वच्छता का ध्यान न रखना स्क्रीनिंग कब से :
एचपीवी संक्रमण के होने और कैंसर बढऩे के बीच का अंतराल 15-20 वर्ष या उससे अधिक होता है। इसकी पहचान पैप स्मीयर और एचपीवी परीक्षण के माध्यम से होती है। इस कैंसर के डायग्नोसिस की औसत आयु 53 वर्ष है। सामान्य आबादी में 30 साल से और एचआईवी से पीडि़त महिलाओं के लिए 25 साल से शुरू होनी चाहिए। 35 और 45 वर्ष की आयु तक दो बार एचपीवी परीक्षण कराएं।
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इस रोग के संकेत
– वेजाइना से असामान्य रक्तस्राव
– लगातार दुर्गंधयुक्त वेजाइनल स्राव
– पेट या पीठ के निचले हिस्से में लगातार दर्द होना
Cervical cancer vaccine helpful in prevention : सर्वाइकल कैंसर टीका बचाव में मददगार
एचपीवी टीकाकरण सुरक्षित और प्रभावी है। अध्ययनों से पता चला है कि टीकाकरण कराने वाली महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की घटनाओं में 90त्न की कमी आई है। यह टीका 9 से 45 वर्ष की आयु की महिलाओं के लगाया जाता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार 9-14 वर्ष और 15-20 वर्ष की किशोरियों व युवतियों के लिए एक या दो खुराक, 21 वर्ष या उससे अधिक उम्र की महिलाओं के लिए छह माह के अंतराल पर दो खुराक व जिनकी इम्युनिटी कम है उन्हें तीन खुराक का प्रावधान रखा गया है।