ऐसी ही एक मान्यता साउथ कोरिया में है। जिसकी वजह से ये देश लोगों को चर्चा का विषय भी बना रहता है। दरअसल साउथ कोरिया में जैसे ही कोई बच्चा मां के गर्भ से बाहर आता है, उसकी उम्र एक साल की मान ली जाती है। इस देश में इसे लेकर एक कानून भी बना हुआ है। इसे कोरियन एज भी कहा जाता है।
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सभी अपनी असल उम्र से एक साल बड़े
देश के इसी कानून के चलते यहां जब भी कोई बच्चा पैदा होता है तो उसे एक वर्ष का मान लिया जाता है, ऐसे में यहां रहने वाला हर शख्स अपनी असल उम्र से एक साल बड़ा है।
ये हो सकती है वजह
वैसे तो कोरियन एज क्यों बना इसके पीछे कोई ठोस वजह नहीं है। लेकिन लोगों का कहना है कि जब बच्चा मां की कोख में आ जाता है तभी से उसकी उम्र शुरू हो जाती है।
साउथ कोरिया में बच्चे के पैदा होते ही उसे एक साल का मानने के अलावा भी कुछ अजीब नियम हैं। देश में भी कहीं भी लाल स्याही का इस्तेमाल नहीं किया जाता।
दरअसल इस देश में लाल को मौत का रंग माना जाता है। मौत की निशानी होने के कारण कोई भी इस रंग के इंक का इस्तेमाल नहीं करता।
इस देश में आपको किसी भी ईमारत या जगह पर नंबर चार नहीं मिलेगा। दरअसल, लोगों के मुताबिक, चार मौत का नंबर होता है। इस वजह से इसका इस्तेमाल वर्जित है।
ब्लड ग्रुप से स्वभाव बताते हैं लोग
साउथ कोरिया में ब्लड ग्रुप से ये पता लगाया जाता है कि कौन सा आदमी अच्छे स्वभाव का है और कौन सा आदमी धोखेबाज है?
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