आज भारत दुनिया में सबसे अधिक दूध उत्पादन करने वाला देश है और इसका पूरा श्रेय डॉ. वर्गिस कुरियन तो जाता है, जिन्हें दुनिया मिल्कमैन ऑफ इंडिया और फादर ऑफ व्हाइट रिवॉल्यूशन इन इंडिया जैसे नामों से जानती है। ऐसे में जब बात डॉ कुरियन की हो रही हो और अमूल गर्ल की न हो। ऐसा हो ही नहीं सकता है। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि अमूल गर्ल की रचनात्मकता और बेबाक बोल की चर्चा भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है।
ऐसी है अमूल गर्ल की कहानी अमूल बटर की शुरूआत साल 1956 में हुई थी। लेकिन अमूल को पॉल्सन गर्ल नाम की एक कंपनी से कड़ी टक्कर मिल रही थी। शुरूआत के 10 साल बाद भी जब अमूल को बाजार में कोई खास महत्व मिलना नहीं शुरू हुआ तो कंपनी ने एक नया तरीका निकाला और एड बनाने वाली एक एजेंसी एडवपटाइजिंग एंड सेल्स प्रमोशन (ASP) को अमूल का एक मस्कट तैयार करने को कहा। इसको बनाते समय इस बात का खास ध्यान रखा गया कि यह विज्ञापन महिलाओं को पसंद आए। बस फिर क्या था कंपनी ने इस नए विज्ञापन के लिए एक लड़की को चुना और देखते ही देखते अमूल गर्ल लोगों को पसंद आने लगी, जिससे सीधे तौर पर प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ गई।
इस बजह से आज भी खास है कंपनी साल 2012 में डॉ कुरियन का निधन होने के बाद भी यह एड उसी लड़की के थीम पर चल रहा है। खास बात यह है कि किसी भी प्रोडक्ट को अपने उपभोक्ता की रीच में बने रहने के लिए अपने विज्ञापनों में नयापन लाने की जरूरत होती है। ऐसे में अब यह कंपनी हर हफ्ते चार से पांच नए विज्ञापन शेयर करती है। इन विज्ञापनों के निर्माण के समय इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि वह देश में चल रहे वर्तमान मुद्दों से प्रेरित हो, जिससे सभी वर्गों को इससे कनेक्ट किया जा सके।