क्यों किया ऐसा
तमिलनाडु के सी. जैसुंदर करूर जिले के एक मूल निवासी हैं। उन्होंने दो शीर्ष कंपनियों को इसलिए छोड दिया क्योंकि वो तमिलनाडु के करूर में फूड एंटरप्रेन्योर बनना चाहते थे। जैसुंदर बर्मी व्यंजन को बेचने और कुछ लोकप्रिय स्नैक्स को बनाने के लिए ठेला लगा रहे हैं। जैसुंदर ने कहा ‘ये एक सचेत विकल्प था और मुझे अपने व्यवसाय पर कोई शर्म नहीं है। किसी भी ईमानदार श्रमिक को शर्मिदा नहीं होना चाहिए। जो काम मैं आज कर रहा हूं हमारे देश के कई शीर्ष नेताओं ने उससे कहीं अधिक पुरुषवादी काम किया था और वो अपनी मेहनत से शीर्ष पदों पर पहुंच गए हैं।’
कैसे हुआ ये सब
जैसुंदर पहले चेन्नई ( Chennai ) में एक मल्टीनेशनल टेलीफोन कंपनी में शामिल हुए। यहां किराए, भोजन का खर्चा जैसी चीजों ने उन्हें ये नौकरी छोड़ने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद वो तमिलनाडु में एक प्रिंट कंपनी में गए। वहीं जैसुंदर के मुताबिक, उनका दोस्त मधु एक भोजनालय चलाता था। इसी दोस्त ने जैसुंदर को खाना बनाना सिखाया। वहीं अब वो अपनी मां के साथ घर पर व्यंजन तैयार करते हैं। सबसे पहले उन्होंने वेलायुथमपालयम में ही अपने स्नैक्स बेचना शुरु किया, लेकिन उन्हें सामान लेने के लिए बार-बार करूर आना पड़ता था। ऐसे में उनके दोस्त गोली ने उन्हें करूर में अपनी जूस के स्टाल के पास ठेला लगाने दिया।