ये काम बिल्कुल उसी तरह का है जैसे वॉइस डबिंग आर्टिस्ट करते हैं। स्क्रीम आर्टिस्ट तरह-तरह की चीखें निकालते हैं और वे इसका इस्तेमाल करके पैसे कमाते हैं। एश्ले पेल्डन भी फिल्मों के लिए भूतों की चिल्लाने वाली, दहाड़ मार-मारकर रोने वाली आवाजे निकालती हैं। फिल्मों में भूतों की और रोने की बैकग्राउंड आवाजें एश्ले जैसे कलाकारों का ही कमाल होता है।
अब आपको समझ में आ रहा होगा कि आखिर भूत को देखकर चिल्लाने वाली एक्ट्रेस या फिर दहाड़ मार-मारकर रोने वाली आवाज़े इतनी सही परफेक्ट कैसे होती हैं। एश्ले फिल्मों और टीवी सीरीज़ में चिल्लाने-चीखने के सीन के लिए अपनी आवाज़ देती हैं। एश्ले का कहना है कि कि ये किसी स्टंट मैन जैसा काम है। आपको अलग वक्त में अलग तरह से चीखना होता है। आपको पता होना चाहिए कि कब और कैसे रुकना है।
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एश्ले के अनुसार, वो इस कला में माहिर हैं, उन्हें चीखने की कला के लिए कोई प्रैक्टिस नहीं करनी होती है, ये कुदरती तौर पर आती है। उनके मुताबिक प्री-प्रोडक्शन के वक्त से ही उनका काम शुरू हो जाता है। उन्हें पता होता है कि कब और कैसे चीखना है। किसी कीड़े को देखने की चीख अलग होती है, डरने की चीख अलग होती है और खुशी से चिल्लाने की चीख अलग होती है। एश्ले के अनुसार 8 घंटे तक इस तरह चिल्लाने के बाद वे कई बार बहुत थका हुआ महसूस करती हैं लेकिन उन्हें अपना काम पसंद है, और अपने इस काम से वो खुश हैं।
ऐश्ले जब 7 साल की थीं, तभी उनके इस टैलेंट के बारे में पता चला। उस वक्त तब ‘चाइल्ड ऑफ एंगर’ नाम की फिल्म में काम कर रही थीं, जिसमें चीखने-चिल्लाने के तमाम सीन थे। उसी वक्त वे इस पेशे से जुड़ी हैं। 20-25 साल की उम्र तक वे 40 फिल्मों और टीवी सीरीज़ में अपनी आवाज़ दे चुकी हैं।