यह भी पढ़ें – नदी से निकला करीब साढ़े तीन हजार साल पुराना शहर, तब भी होती थीं ऊंची इमारतें ईरान के कंदोवन में बसा ये छोटा सा गांव दुनियाभर में लोगों को कोतुहल का विषय है। क्योंकि इस गांव के लोग सैकड़ों वर्षों से ‘चूहों के बिल’ में रहते हैं। दुनिया के कुछ गांव अपनी खूबसूरती और कुछ अजीबोगरीब परंपराओं के लिए जाने जाते हैं। लेकिन ये गांव ग्रामीणों के आशियाने की चलते चर्चा में रहता है।
चूहों के बिल जैसा बनाते हैं घर
दरअसल, इस गांव के लोग चूहों के बिलों में नहीं रहते बल्कि यहां के लोग अपने घर को बिल्कुल चूहों का बिल जैसा बनवाते हैं। क्योंकि चूहों का बिल तो बहुत छोटा होता है, ऐसे में इंसान का आकार बड़ा होने के चलते उन्हें अपनी साइज के मुतबिक घर की जरूरत होती है।
दरअसल कंदोवन गांव का मानना है कि, चूहों के बिल हर मौसम के मुताबिक अनुकूल होते है। गर्मियों में जहां ये ठंडे हो जाते हैं वहीं सर्दी के मौसम में ये बिल पूरी तरह गर्म रहते हैं। यही वजह है कि कंदोवन गांव के लोग अपने घरों को बिल्कुल चूहों की बिलों की तरह ही आर्किटेक्ट करते है।
700 वर्षों से चली आ रहा ट्रेंड
चूहों के बिलों जैसे घरों में रहने का ये ट्रेंड कुछ वर्षों पुराना नहीं बल्कि पूरे 700 वर्ष पुराना बताया जाता है। इस गांव में रहने वाले लोगों को न तो हीटर की आवश्यकता पड़ती है और न ही AC की जरूरत होती है।
कंदोवन के लोगों ने मंगोलों के हमलों से बचने के लिए यह गांव बसाया था। यहां वह मंगोलों से छिपने के लिए ज्वालामुखी चट्टानों में अपना ठिकाना खोजते थे। एक तरह से वह यहां पर बिल खोदकर उसमें रहते थे। धीरे-धीरे यही उनका स्थायी घर बन गया। अब यह गांव दुनियाभर में अपने अनोखे घरों के लिए जाना जाने लगा है।
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