जेसन का इलाज काफी दिनों तक चला डॉक्टरों ने उनकी जान आखिरकार बचा ही ली। उनके ज़ख्म भर गए थे लेकिन उनकी व्यव्हार में कुछ बदलाव आ गए थे। वे ऑब्सेसिव कम्पलसिव डिसऑर्डर Obsessive-Compulsive Disorder (OCD) से ग्रस्त हो गए। ओसीडी के शिकार जेसन के करीब कोई भी आता तो वे अपने हाथ धोने लगते। जेसन की मानें तो कुछ समय बाद उन्हें सब चीजें ज्यामिति के आकार की नजर आने लगीं। उनका दिमाग गणित और फिजिक्स की ओर जाने लगा। ओसीडी की दिक्कत की वजह से जेसन एकांत में रहना पसंद करने लगे। इसी के साथ इंटरनेट अब उनका साथी बन गया। वे ऑनलाइन गणित और फिजिक्स पढ़ने लगे गणित के जुनून के चलते उन्होंने कम्युनिटी कॉलेज में एडमिशन भी लिया।
गणित के जुनून ने उन्हें उसका जीनियस बना दिया। लेकिन जेसन को यह समझ नहीं आ रहे था कि उनके साथ ऐसा क्यों हो रहा है। उन्होंने तंत्रिका वैज्ञानिक बेरिट ब्रोगार्ड की मदद ली। ब्रोगार्ड को जांच में पता चला कि जेसन सायनेस्थेसिया से पीड़ित है। सायनेस्थेसिया ( synesthesia ) में दिमाग जिस चीज के बारे में सोचता है वह या तो सिर्फ दिमाग में रहती है या फिर उसकी सोच के मुताबिक ही हर चीज नजर आने लगती है। खास बात यह है कि जेसन ने एक दिन उन बदमाशों को पहचान लिया जिनने उनपर हमला किया था। जेसन ने उनकी जानकारी कभी पुलिस को नहीं दी वे, उन्हें अपराधी नहीं मानते। बता दें कि जेसन की इस दरियादिली को देखते हुए उन हमलावरों ने चिट्ठी लिखकर उनसे माफी मांगी। जेसन को इस बदली हुई ज़िंदगी से प्यार है आज वे अपनी जिंदगी में खुशहाल हैं, उन्हें किसी से कोई शिकायत नहीं।