सूरज की रोशनी और ऑक्सीजन के बिना भी है एक दुनिया
इस रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों को ऐसे लाइट सिग्नल मिले हैं, जो ऐसी दुनिया से आए हैं, जहां सूरज की रोशनी और ऑक्सीजन नहीं है। ऐसी स्थिति कई एक्सोप्लेनेट पर है। वैज्ञानिकों के मुताबिक जिंदगी होने के संकेत देने का वाला मुख्य कलर हरा है। इसका मतलब होता है उस स्थान पर सूरज की रोशनी को एनर्जी में बदलने वाले क्लोरोफिल का मौजूद है। वहीं जो प्लेनेट्स कम रोशनी वाले स्टार्स के आसपास घूमते हैं वहां जीवन तब ही संभव होता है जब जीवों को इंफ्रारेड लाइट से जीना आ जाए। धरती पर ही बहुत से बैक्टीरिया बिना सूरज की रोशनी के रहते हैं।
बैंगनी रंग के पीछे छिपा ये कारण
इसी आधार पर अमरीका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय ने कुछ बैक्टीरिया तैयार किए और उन्हें अलग-अलग वेवलेंथ की लाइट में रखा। इससे खुलासा हुआ कि कुछ बैक्टीरिया कम लाइट में जी सकते हैं। इन बैक्टीरिया का रंग बैंगनी (Purple) है। इन्हें जीने के लिए अधिक ऑक्सीजन और लाइट की जरूरत नहीं पड़ती। ऐसे में साफ है कि बिना ऑक्सीजन वाली दुनिया ग्रीन नहीं होगी और उसके बैंगनी होनी की संभावना अधिक है। ये भी पढ़ें: ‘जैसे इन्हें अमेठी छोड़ना पड़ा, वैसे ही वायनाड भी छोड़ेंगे’: पीएम मोदी का राहुल गांधी पर बड़ा हमला