कुछ लोग एक वक्त का खाना-पीना ही छोड़ देते हैं और रात में भूखे पेट सोने लगते हैं।
कुछ लोग बहुत ज्यादा वर्कआउट और कार्डियो करते हैं, कि वे अपना मसल्स लॉस कर बैठते हैं।
कुछ लोग वजन कम करने को लेकर कन्फ्यूज रहते हैं कि उन्हें बॉडी बिल्डिंग करना है या फैट लॉस
ज्यादातर लोग इंटरनेट से डाइट फॉलो करने लगते हैं, जो उन्हें लगता है कि वो बहुत हेल्दी होगी।
वजन कम करने के लिए इस बेहद आसान और घरेलु उपाय को जरूर आजमाएं
जानें कीटो डाइट
कीटो डाइट को कीटोजेनिक डाइट, लो-कार्ब डाइट आदि नाम से भी जानते हैं। नॉर्मल डाइट में प्रोटीन कार्ब हाई और प्रोटीन बेहद कम होता है और फैट न के बराबर होता है, जिस कारण अधिकतर लोग अनहेल्दी रहते हैं। लेकिन वहीं कीटो डाइट में सबकुछ इसके उल्टा होता है। इसमें कार्ब की मात्रा बेहद कम, फैट की मात्रा सबसे अधिक और प्रोटीन की मात्रा फैट और कार्ब के बीच होती है। इसमें मक्खन और क्रीम, चीज़, मीट, फैटी फिश, अंडा, अखरोट, बादाम, ऑयल, एवोकाडो, हरी सब्जियां और कई प्रकार के मसाले होते हैं।
कीटो डाइट मैक्रो
फैट- 70 प्रतिशत
प्रोटीन- 25 प्रतिशत
कार्ब- 5 प्रतिशत
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हमारे शरीर को कार्ब्स से ही एनर्जी मिलती है लेकिन बॉडी में कार्ब्स नहीं होने की स्थिति में फैट से एनर्जी मिलती है और अगर शरीर में फैट भी नहीं है, तो फिर मसल्स को बर्न करके बॉडी को एनर्जी देती है।
कीटो डाइट वजन कम करने या स्लिम फिट रहने वालों के बीच बहुत ट्रेंड में है। दरअसल अत्यधिक लो-कार्बोहाइड्रेट डाइट होने के कारन कीटो डाइट तेजी से वजन घटाती है। लेकिन एक्सपर्ट्स ने कीटो डाइट को सेहत का दुश्मन भी बताया है। इससे होने वाली गंभीर बीमारियों को लेकर भी सचेत किया है। इसे लेकर हाल ही में ‘फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन’ और ‘सेवेन मेडिसिन’ में एक रिपोर्ट भी प्रकाशित हुई थी।
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Side effects of Keto Diet
अमेरिका और कनाडा के संस्थानों ने लगभग 123 पुरानी स्टडीज का विश्लेषण किया था। शोधकर्ताओं ने पाया कि कोटीजेनिक डाइट कार्बोहाइड्रेट की खपत को सीमित करने के साथ ही मैटाबॉलिज्म की कार्यशैली भी प्रभावित करती है। कीटोजेनिक डाइट के नुकसान बहुत ज्यादा हो सकते हैं। कीटो डाइट में मौजूद मांस, चीज़, ऑयल समेत कुछ मुख्य कॉम्पोनेंट के कारण बॉडी को पोषक तत्व नहीं मिल पाते। इसी कारण से कीटो डाइट पर रहने वाले व्यक्तियों में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
कीटो डाइट से इन बीमारियों का खतरा
कीटो डाइट में मौजूद खाद्य पदार्थ बड़ी आंत के कैंसर, ह्रदय से संबंधित बीमारी और अल्जाइमर जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। एक स्टडी के मुताबिक़, कीटोजेनिक डाइट किडनी या डायबिटीज जैसी बीमारी को भी बढ़ावा दे सकती है।
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कीटो डाइट में परहेज
वजन कम करने के लिए कीटो डाइट लेने वाले व्यक्तियों को ज्यादा कार्ब्स वाली चीजों से परहेज करना होता है। जिनमें शुगर फूड, साबुत अनाज, फल, राजमा, दाल, आलू, शकरकंद, गाजर और शहद से दूरी बनानी पड़ती है।