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Scindia: कार्यकर्ताओं की बात सुनी जानी चाहिए, सरकार भी न सुने तो मेरे पास चले आना

कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में सिंधिया ने कहा- मंच पर हम कार्यकर्ताओं की मेहनत की वजह से ही बैठे हैं…

विदिशाJan 18, 2020 / 12:29 pm

दीपेश तिवारी

Come to me if the government doesn't listen

Come to me if the government doesn’t listen

विदिशा. पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया scindia ने कहा है कि 15 साल बाद जब हमारी सरकार आई है तो कार्यकर्ताओं की बात जरूर सुनी जाना चाहिए, लेकिन कोई नहीं सुने तो मेरे पास चले आना। सिंधिया रविन्द्रनाथ टेगौर ऑडिटोरियम में जिला कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
सिंधिया scindia ने कहा कि सरकार बनी है तो गरीबों, किसानों, महिलाओं और कार्यकर्ताओं की गुहार सुनने वाली होना चाहिए।

जिन मुद्दों पर हम चुनाव जीते हैं उन आशाओं पर अब हमें खरे उतरना होगा। यह चुनौती है। विकास के लिए जहां ज्योतिरादित्य scindia की जरूरत हो, मुझे पुकार लेना, क्योंकि विदिशा से मेरा राजनीतिक नहीं बल्कि पारिवारिक संबंध है।

राजमाता ने रखा था मेरा नाम- शशांक
विधायक शशांक भार्गव ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मेरा नामकरण खुद राजमाता विजयाराजे सिंधिया scindia ने किया था। मुझे बचपन में शिशु कहते थे, लेकिन राजमाता ने मुझे शशांक नाम दिया।
उन्होंने खुद को शबरी और सिंधिया scindia को राम निरूपित करते हुए कहा कि आज मुझे खुशी है कि शबरी को बेर खिलाने का मौका मिला है।

कार्यक्रम को स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट और जिला कांग्रेस अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह रघुवंशी ने भी संबोधित किया। संचालन आशीष माहेश्वरी ने किया। यह पहला मौका था जब ज्योतिरादित्य scindia अपने समर्थकों के घरों भी पहुंचे। वे अपने दौरे के बीच विधायक भार्गव, शैलेन्द्र भदौरिया, संजय सिंह रघुवंशी और हृदयमोहन जैन के निवास पर पहुंचे। समर्थकों ने उनका स्वागत किया।

मुख्यमंत्री की मनाही के बावजूद होर्डिंग से पटा रहा शहर
सीएम कमलनाथ kamal nath ने मंत्रियों और नेताओं को होर्डिंग की राजनीति से दूर रहने और बचने के लिए कहा था, लेकिन शुक्रवार विदिशा में उसके ठीक उलट हुआ। सिंधिया scindia के आगमन पर उनके समर्थकों ने पूरे शहर को जैसे होर्डिंग्स, फ्लैक्स से पाट दिया था। अस्पताल परिसर, ऑडिटोरियम, मुख्य मार्ग, चौराहे और ओवर ब्रिज भी सिंधिया के स्वागत के फ्लैक्स से पटे हुए थे।
सिंधिया ने माना एसएटीआई में वित्तीय संकट
सिंधिया scindia जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद एसएटीआई पहुंचे, यहां उन्होंने माधवराव सिंधिया scindia की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर बीओजी की बैठक में हिस्सा लिया और गल्र्स हॉस्टल का निरीक्षण किया।
सिंधिया scindia ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बीओजी की बैठक में वित्तीय स्थिति पर चर्चा हुई है। गंभीर स्थिति चली आ रही है। कैसे आय बढ़ाना है और व्यय कम करने पर चर्चा हुई। हॉस्टल का लोकार्पण, फेकल्टी की विचारधारा पर चर्चा हुई। एसएटीआई सरकार पर निर्भर संस्था है।
पिछले 15 साल से ग्रांट नहीं बढ़ी, खर्च बढ़ा है। कई साल से संस्था घाटे में चल रही है। संस्था को उÓजवल भविष्य देना है तो मदद मिलना चाहिए, इसके लिए मप्र सरकार MP Govt को प्रस्ताव भेजा है।
उन्होंने आश्वासन दिया है कि वित्तीय मदद की जो जरूरत होगी वह दी जाएगी। सैलरी तक हम सीमित न रखें, डीए का मुद्दा है, छठवें-सातवें वेतनमान का मुद्दा है। हम सीमित राशि से खर्च चला रहे हैं। जितना खर्च होता है उसका 95 प्रतिशत वेतन और शेष 5 प्रतिशत संस्था चलाने में हो रहा है।
स्थिति गंभीर है, और मैं scindia इस शब्द को बहुत सोच समझकर कह रहा हूं। अब यह देखना है कि ऐसे हालात में किस तरीके से संस्था को चला पाएं और इसे उच्चस्तरीय संस्था में तब्दील करना है।

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