पकड़े गए सभी आरोपी पत्थर खदानों में काम करते हैं। इन कुंदों को लेजाकर इन्हें गलाकर इनसे छैनी बनाने का काम यह आरोपी करते थे। जिनसे पत्थर जल्दी कटता है और यह छैनी मजबूत भी बहुत रहती है। वहीं इन कुंदों को बेचने का काम भी आरोपी करते थे।
आरपीएफ के अनुसार आरोपी एक आरोपी चार से पांच स्लीपर छोड़कर एक कुंदें निकालते थे। जिससे एकदम से कुंदे निकलने की जानकारी नहीं लग सके। जांच के दौरान कुछ-कुछ दूरी पर कुंदे पड़े मिले।
हो सकता था बड़ा हादसा
स्लीपर और पटरी को जोडऩे वाले कुंदे अधिक मात्रा में निकल जाने पर पटरी स्लीपर से अलग हो जाती तो ऐसे में पटरी से ट्रेन निकलने पर बड़ा हादसा हो सकता था। लेकिन समय रहते आरपीएफ की सूझबूझ से आरोपी पुलिस गिरफ्त में आ गए।