मामले को लेकर गंजबासौदा में स्थित नागरिक बैंक के प्रबंधक हरिओम भावसार का कहना है कि, शाम के समय बैंक बंद कर अपने घर पहुंचा था। इसी दौरान एक युवक मेरे पास आया और कहने लगा कि, साहब कार में बैठे हैं। आपसे चर्चा करने आए हैं। मैं कार के पास पहुंचा तो उसमें 2 लोग बैठे थे। उनमें से एक व्यक्ति ने अपने आप को डीएसपी लोकायुक्त योगेश खुरचानिया बताया। वो मुझसे कहने लगे कि आपके खिलाफ लोकायुक्त में आय से अधिक संपत्ति की शिकायत आई है।
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दो आरोपियों को दबोचा, एक भागने में कामयाब
भावसार के अनुसार, आरोपियों ने तीखे शब्दों में उनसे कहा कि, आय से अधिक संपत्ति मामले में आपकी गिरफ्तारी हो सकती है। अगर आप चर्चा करके कुछ ले- देकर मामला निपटाना चाहते हो तो बात करो। प्रबंधक भावसार ने उनसे कहा कि, उस मामले की जांच पूरी हो चुकी है। अगर आप कहो तो उसके दस्तावेज मैं आपको बता सकता हूं। ये सुनकर आरोपी इधर – उधर की बातें करने लगे। उनकी बातें सुनकर भावसार को उनपर संदेह हुआ तो उन्होंने कहा कि, आप आइये घर में बैठकर बात करते हैं। इसी बीच मैनेजर के कुछ दोस्त उनके घर आ गए। उन्होंने अपने स्तर पर आरोपियों से कुछ सवाल किये तो फर्जी अफसर उठकर भागने लगे। इसपर मैनेजर के दोस्तों ने उनमें से 2 लोगों को पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी। पुलिस के पहुंचने पर उन्होंने दोनों आरोपियों को पुलिस के हवाले किया। वहीं, एक आरोपी भागने में कामयाब हो गया। फिलहाल, पुलिस तीसरे आरोपी के संबंध में पकड़े गए दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
आरोपियों के पास निकली पिस्टल
बैंक मैनेजर के अनुसार, पकड़े गए आरोपियों में से एक के पास पिस्टल भी थी। ये लोग कार नंबर MP 09 CM 0029 में सवार होकर उनके घर आए थे। आरोपियों ने कार पर हाईकोर्ट लिख रखा था। जिन 2 लोगों को देहात थाने में सौंपा गया, उनमें से एक ने अपना नाम रामेश्वर प्रसाद मालवीय तो दूसरे ने निकेत शर्मा बताया। इन दोनों ने पुलिस को बताया कि, वे डीएसपी योगेश खुरचानिया के साथ गंजबासौदा एक मामले की तामील लेकर आए थे। पुलिस ने उनकी बात के आधार पर जांच की तो लोकायुक्त कार्यालय से जुड़े हुए नहीं थे। पुलिस ने रामेश्वर मालवील और निकेत शर्मा के खिलाफ 419, 384, 467 के तहत केस दर्ज करते हुए तीसरे आरोपी की तलाश शुरु कर दी है।
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मैनेजर पर भी दर्ज हो चुका है गबन का केस
बताया जा रहा है कि, बैंक मैनेजर हरिओम भावसार पर भी दो महीने पहले बैंक की राशि में गबन के आरोप लगे थे, जिसमें लगभग 26 लाख रुपए का हेरफेर भावसार ने अपने खाते में किया था। इसके बाद हरिओम भावसार ने सभी दस्तावेज पेश करके राशि लौटा दी थी। वहीं, इस मामले की जानकारी मिलते ही ठगों ने भी उन्हें अपना शिकार बनाने की कोशिश की, लेकिन प्रबंधक की सूझबूझ से रुपए ऐंठने आए आरोपी पकड़े गए।
सरकारी कर्मचारी है एक आरोपी
मामले को लेकर एएसपी समीर यादव का कहना है कि, अबतक की पड़ताल में पता चला है कि, पकड़े गए दोनों ठग भोपाल के रहने वाले हैं। खास बात ये है कि, इनमें से एक आरोपी रामेश्वर मालवीय उद्यानिकी विभाग में कर्मचारी है। वहीं, दूसरा आरोपी निकेत शर्मा जब्त की गई कार का मालिक है, जिससे वो गंजबासौदा पहुंचे थे। इन्होंने मैनेजर से पैसों की मांग की थी। इनके पास फर्जी दस्तावेज पाए गए हैं। आरोपियों ने लोकायुक्त डीएसपी योगेश खुरचानिया के नाम का उपयोग किया। हालांकि, इनमें तीसरा ठग अबतक फरार है। उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर तीसरे आरोपी को दबोचने के लिए जानकारियां जुटा रही है।