सुबह से ही राम मंदिरों में पंडित और पुजारियों द्वारा राम जन्मोत्सव मनाने की तैयारियां शुरु कर दी गईं थीं और बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित था। दोपहर के बारह बजते ही राम मंदिरों में घंटी, शंख, मंजीरे, झाले आदि के स्वर सुनाई देने लगे और हर्षोल्लास के साथ रामनवमी पर्व मनाया गया। किलेअंदर स्थित राम मंदिर पुजारी पंडित विनोद देशपांडे ने बताया कि जब से यह राम मंदिर बना है तब से रामनवमी पर सूर्य की किरणों से ही यहां भगवान राम की आरती की जाती है। इसी प्रकार किरी मोहल्ला स्थित श्रीरघुनाथ मंदिर पुजारी पंडित नारायण प्रसाद शर्मा ने बताया कि पूजन के दौरान लॉकडाउन के चलते सभी श्रद्धालुओं को एक-एक मीटर दूरी पर खड़े करने की व्यवस्था की गई थी। यही स्थिति लगभग शहरभर के राम मंदिरों में देखने को मिली।