डॉ दयाशंकर मिश्र बनारस से सटे गाजीपुर जिले के सिधौना गांव के निवासी हैं। प्रारंभिक शिक्षा गांव में ग्रहण कर बनारस आए। हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज से बीएससी की फिर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से विनस्पित विज्ञान में स्नातकोत्तर फिर पीएचडी की डिग्री हासिल की।
डॉ दयाशंकर मिश्र फिलहाल वाराणसी के प्राचीनतम विद्यालयों में से एक डीएवी कॉलेज में प्रधानाचार्य पद पर कार्यरत हैं। इससे पहले वो पड़ोसी जिला चंदौली के एक कॉलेज में प्रधानाचार्य रहे। इन सबसे पहले वो हरिश्चंद्र कॉलेज में प्रवक्ता रहे।
दयालु ने वैसे तो राजनीति का ककहरा हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज से ही सीखा। बाद में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। वो यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहे। उनके कार्यकाल के दौरान ही यूथ कांग्रेस की जिला व शहर कमेटी ने मिल कर वाराणसी के संवासिनी कांड का पर्दाफाश किया। हालांकि इसमें यूथ कांग्रेस के शहर अध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव “अन्नू” का बड़ा योगदान रहा।
दयालू ने शहर दक्षिणी विधानसभा सीट से बीजेपी के अजेय विधायक श्यामदेव राय चौधरी “दादा” को दो बार कांटे की टक्कर दी। दोनों बार वो दूसरे स्थान पर रहे।
दयालु 2017 में ही शहर दक्षिणी से टिकट के प्रबल दावेदार रहे लेकिन उनकी जगह तब डॉ नीलकंठ तिवारी को टिकट मिला और वो विजयी हो कर मंत्री भी बने।
दयालु 2022 में भी शहर दक्षिणी विधानसभा सीट से टिकट के दावेदर रहे, लेकिन एक बार फिर से उन्हें निराशा हाथ लगी। लेकिन बीजेपी का दामन थामें रखा। वर्तमान में पूर्वांचल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष रहे
डॉ दयाशंकर मिश्र दयालु वर्तमान में पूर्वांचल विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष रहे। यह पद उन्हें 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मिला था। अब उन्हें योगी मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया जा रहा है।