कोर्ट ने आदेश रखा था सुरक्षित ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले पक्षकार बनने के लिए कुल 16 लोगों ने आवेदन दिया था। जिसमें से पांच लोगों का आवेदन जिला जज ने पिछली सुनवाई (18 अक्तूबर) में खारिज किया था। 8 लोगों का आवेदन अनुपस्थित रहने के कारण पहले ही खारिज हो गया था। शेष तीन अन्य आवेदन पर सुनवाई के बाद अदालत ने अपना आदेश शुक्रवार के लिए सुरक्षित रख लिया था।
यह भी पढ़े –
गौरी श्रृंगार विवाद : तहखाने में छिपा है ज्ञानवापी का सच, ओवैसी बोले खुल रहा मुस्लिम विरोध का रास्ता कोर्ट ने हमारी मांग मान ली पिछली सुनवाई में हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी व सुधीर त्रिपाठी ने बताया था कि कोर्ट ने हमारी मांग मान ली है। जिसमें वादी पक्ष की सहमति के बगैर पक्षकार बनाने का विरोध किया गया था। श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा करने की इजाजत देने के लिए जिन महिलाओं ने याचिका डाली थी, उन्होंने किसी को भी पक्षकार बनाने से इनकार कर दिया था।
यह भी पढ़े –
मुसलमानों और अरविंद केजरीवाल पर बरसे रामविलास वेदांती कहा, कानून बनाकर ज्ञानवापी मंदिर का निर्माण कराएं पीएम पक्षकार बनाने से इनकार याचिका डालने वाली वादी महिलाएं सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी ने कहा है कि उन्हें इस केस में किसी को भी पक्षकार बनाने की जरूरत नहीं है। मामले में सुनवाई के लिए वह पर्याप्त हैं।