scriptवाराणसी में सिर्फ धनतेरस के दिन ही खुलता है देश के एकमात्र धन्वंतरि मंदिर का द्वार | Varanasi country only Dhanvantari temple gates open only day of Dhanteras | Patrika News
वाराणसी

वाराणसी में सिर्फ धनतेरस के दिन ही खुलता है देश के एकमात्र धन्वंतरि मंदिर का द्वार

Dhanteras 2022 भगवान धन्वंतरि (Dhanvantari temple) के मंदिर का पट साल में सिर्फ एक दिन ही खुलता है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि के दर्शन आम जनता को सुलभ हो पाते हैं।
 

वाराणसीOct 22, 2022 / 01:11 pm

Sanjay Kumar Srivastava

वाराणसी में सिर्फ धनतेरस के दिन ही खुलता है देश के एकमात्र धन्वंतरि मंदिर के द्वार

वाराणसी में सिर्फ धनतेरस के दिन ही खुलता है देश के एकमात्र धन्वंतरि मंदिर के द्वार

इस बार धनतेरस का दो दिन का योग बन रहा है। धनतेरस के पर्व को धन त्रयोदशी और धनवंतरि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। आज के दिन वाराणसी में भगवान धन्वंतरि के मंदिर का पट खुलेगा। भगवान धन्वंतरि के मंदिर का पट साल में सिर्फ एक दिन ही खुलता है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि के दर्शन आम जनता को सुलभ हो पाते हैं। धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि अपने भक्तों पर आरोग्य आशीष की बरसात करेंगे। साल भर में कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर भगवान धन्वंतरि की अष्टधातु की प्रतिमा के दर्शन मिलते हैं। बताया जा रहा है कि, पूरे देश में 325 साल पुरानी अष्टधातु की भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा इकलौती है। काशी में कई पीढ़ियों से भगवान धन्वंतरि के दर्शन.पूजन की परंपरा चल रही है। धनतेरस पर 22 अक्तूबर को शाम पांच बजे से आम श्रद्धालुओं के लिए धन्वंतरि मंदिर के गेट खुल जाएंगे। परंपरा के अनुसार, आरोग्य के देवता भगवान धनवंतरि का सुड़िया स्थित वैद्यराज के आवास पर दर्शन पूजन होगा।
भगवान धनवंतरि के दर्शन फिर प्रसाद का होगा वितरण

राजवैद्य परिवार के पं. रामकुमार शास्त्री, नंद कुमार शास्त्री एवं समीर कुमार शास्त्री अपने पिता राजवैद्य पं. शिव कुमार शास्त्री की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। वर्ष भर निरोग रहने की कामना से श्रद्धालु भगवान धनवंतरि के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। श्रद्धालुओं को अमृत रूपी प्रसाद का वितरण किया जाता है।
यह भी पढ़े – Deepotsav 2022 : दीपोत्सव के दिन रामलला को पहनाया जाएंगे खास वस्त्र, जानिए किस रंग का होगा यह वस्त्र

धनतेरस पर लक्ष्मी चालीसा का पाठ शुभकारी

बताया जा रहा है कि, इस बार धनतेरस दो दिन मनाया जाएगा। कुछ ऐसा योग बन रहा है। कानपुर के पद्मेश इंस्टीट्यूट आफ वेदिक साइंसेस के संस्थापक पंडित के. ए. दुबे पद्मेश और धूनी ध्यान केंद्र के आचार्य अमरेश मिश्र ने बताया कि, पूजन शाम 7.03 बजे से शुरू होकर 8.59 तक होगा। यह मुहूर्त धन लक्ष्मी पूजन के लिए शुभकारी होगा। धनतेरस पर लक्ष्मी चालीसा का पाठ करना शुभकारी रहेगा।
यह भी पढ़े – Ayodhya Deepotsav : सरयू की रेत पर उकेरा जा रहा हैं रामायणकालीन प्रसंग, मोदी-योगी की तस्वीर भी बनेगी

नरक चतुदर्शी पर चार मुख वाला दीप जलाएं

23 अक्टूबर को नरक चतुदर्शी पर चार मुख वाला दीप घर के बाहर जलाने से यम को प्रसन्न करने के लिए रखना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में आने वाले बाधाएं घर में प्रवेश नहीं करेंगी। इसके अगले दिन 24 अक्टूबर को हस्त नक्षत्र में दीपोत्सव का पर्व मनाया जाएगा।

Hindi News / Varanasi / वाराणसी में सिर्फ धनतेरस के दिन ही खुलता है देश के एकमात्र धन्वंतरि मंदिर का द्वार

ट्रेंडिंग वीडियो