पीएम नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस जून से ही जबरदस्त बिजली कटौती की मार झेल रहा है। जिले में बीजेपी की छह विधायक व दो मंत्री तक रहते हैं इसके बाद भी अघोषित बिजली कटौती ने लोगों को जीना मुहाल किया है। दिन व रात दोनों समय हो रही बिजली कटौती ने लोगों को आक्रोशित किया है। बिजली कटौती की हद तक हो गयी जब 33 केवी मच्छोदरी उपकेन्द्र से जुड़े इलाके में 36 घंटे तक बिजली गायब रही। इतनी जबरदस्त कटौती के चलते लोगों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ा। कुछ लोग तो अपने घर को छोड़ कर दूसरी जगह जाने को विवश हो गये थे। इसकी जानकारी जब लखनऊ के अधिकारियों को हुई तो हड़कंमप मच गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) की टीम शहर में धमक गयी। टीम के सदस्यों ने लेढूपुर उपकेन्द्र में दो घंटे तक जांच की है और पता लगाने का प्रयास किया है कि इतनी देर तक कटौती के लिए कौन लोग जिम्मेदार है। टीम के सदस्य यह भी जानने का प्रयास करेंगे कि सारी व्यवस्था उपलब्ध कराने के बाद भी बनारस में इतनी बिजली क्यों कट रही है।
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