एक हिंदी न्यूज वेबसाइट के अनुसार दो हजार रुपये के नोट चलन से बाहर किए जाने के रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के फैसले का उद्यमी और कारोबारियों ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि जिन लोगों ने रुपये डंप किए हैं, वही प्रभावित होंगे। इस फैसले का असर सामान्य कारोबारी या जनता पर नहीं पड़ेगा।
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कालाधन खपाने वाले लोग ही परेशान होंगे। आरबीआई के पास नोटों की कमी थी। इस संकट से उबरने के लिए फैसला जरूरी था। इससे डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा। बड़ी मुद्रा को चलन से बाहर करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया है।एक हिंदी न्यूज वेबसाइट के साथ बातचीत में वाराणसी के उद्यमी आरके चौधरी ने कहा कि आरबीआई ने जो फैसला अब लिया है, वह पहले से तय था। वाराणसी सहित पूर्वांचल के आसपास के जिलों के एटीएम से लंबे समय से दो हजार के नोट नहीं मिल रहे थे। पांच सौ, दो सौ और सौ रुपये के नोट ही निकल रहे थे। उम्मीद जताई जा रही थी कि दो हजार रुपये के नोट चलन से बाहर होंगे। अब इस पर आरबीआई ने मुहर लगा दी। इस फैसले का असर उद्योग जगत पर नहीं पड़ेगा। आरबीआई का कदम स्वागत योग्य है। अब ज्यादातर लेनदेन डिजिटल हो चुका है।