एसडीएम प्रशासन राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि फूलपुर थाना क्षेत्र के गजोखर गांव निवासी प्रमोद यादव के खिलाफ पुलिस ने दिसम्बर 2006 में एक रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट में प्रमोद पर बदमाशों से सांठगांठ है इस मामले की सुनवाई के बाद प्रमोद यादव को 30 जुलाई 2007 को जिला बदर कर दिया गया। इसके बाद प्रमोद मुम्बई चले गये और वही पर कारोबार करने लगे। इस दौरान उन पर दर्ज तीन मुकदमे की सुनवाई भी होती रही। प्रमोद ने जिला बदर के खिलाफ कमिश्रर कार्यालय में एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया था जिसमे कहा गया था कि उनकी पूरी बात सुने बिना ही जिला बदर किया गया है। कमिश्रर के यहां पर मामले की सुनवाई हुई और 13 मार्च 2018 को निर्णय हुआ कि न्यायालय फिर से साक्ष्य को देखे। इसके बाद यह मामला हमारी अदालत में आया। आरोपी की सारी फाइल देखी गयी तो पता चला कि जिन मुकदमे में वह आरोपी थे उसमे वह बरी हो चुके हैं। पुलिस ने जो रिपोर्ट भेजी उसमे लिखा था कि यह अब सही हो गये हैं। आरोपी अच्छा नागरिक बनने का मौका चाहता था और वह अपने गांव रहना चाहता था। सारे दस्तावेजों को देखने के बाद मैने एक नया प्रयोग किया। पर्यावरण की हालत को देखते हुए आरोपी से कहा कि यदि वह 50 पौधे लगा कर उनका बच्चों की तरह पालन करेगा। गांव वाले भी कहेंगे कि इनके आने से किसी तरह की दिक्कत नहीं है तो नोटिस वापस ले ली जायेगी। आरोपी को एक माह का समय मिला है यदि वह सारा काम कर लेता है तो उसकी नोटिस पर निर्णय किया जायेगा।
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