प्रतापगढ़ निवासी राजगीर तीन साल से गायब था। लगभग आठ माह पूर्व ही वह बीएचयू के नरिया गेट के पास असहाय अवस्था में मिला था। अपना घर आश्रम के लोग उसे लेकर आये थे। आश्रम में आने पर पता चला कि उसे सांस की गंभीर बीमारी है। इसके बाद आश्रम में रख कर उसका इलाज किया गया। मरीज की इतनी सेवा की गयी कि वह ठीक हो गया। इसके बाद आश्रम की देखरेख करने वाली डा.कात्यायनी ने राजगीर के घर की जानकारी ली। पता चला कि वह प्रतापगढ़ का रहने वाला है। इसके बाद उन्होंने प्रतापगढ़ पुलिस से सम्पर्क कर राजगीर के घर वालों की जानकारी जुटायी। पता मिलने पर राजगीर की फोटो उसके परिजनों को भेजी गयी। फोटो देख कर परिवार वाले उसे पहचान गये। जिस बेटे के मिलने की उम्मीद खो चुके थे। उसके सकुशल होने की जानकारी मिलने पर सभी की आंख भर गयी। मां तुरंत ही आश्रम पहुंची और अपने बिछड़े बेटे को गले लगा लिया। यह दृश्य देख कर आश्रम के लोगों की आंख में भी आंसू आ गये। आश्रम के लोगों ने राजगीर को परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
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