पीएससी की सिपाही भर्ती में मेडिकल टेस्ट होता है और टेस्ट में फेल लोगों को री-मेडिकल कराया जाना था। इसके लिए सरकारी चिकित्सकों की टीम गठित थी। इसी साल अगस्त के अंतिम सप्ताह में री-मेडिकल होना था। पुलिस को सर्विलांस के जरिए सूचना मिली थी कि इस मामले में कुछ चिकित्सक व पीएससी से जुड़े लोग अभ्यर्थियों से टेस्ट पास कराने के नाम पर तगड़ा पैसा वसूल रहे थे। पुलिस ने गोपनीय ढंग से सारे मामले की जांच की। इस घटना के खुलासे में सर्विलांस से मिली जानकारी सबसे महत्वपूर्ण साबित हुई। पुलिस ने इस मामले में चिकित्सक समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि पीएससी 36 बटालियन रामनगर के आरक्षी रमेश सिंह, शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल के चिकित्सक डा.एसके पांडेय, पवन कुमार सिंह व गाजीपुर पुलिस लाइन के आरक्षी राजेश कुमार सिंह फरार है। पुलिस का दावा है कि पूछताछ में आरोपियों ने अभ्यर्थियों से पैसे वसूलने व उसका बंटवार करने की बात स्वीकार की है। पुलिस के इस खुलासे को बड़ी सफलता माना जा रहा है। खुलासे में कैंट थाना प्रभारी अश्वनी कुमार चतुर्वेदी, मनीष कुमार बघेल, संदीप कुमार, रामानंद यादव आदि पुलिसकर्मी शामिल थे।
यह भी पढ़े:-गांजा बेचने पर प्रतिदिन मिलती थी इतने रुपये मजदूरी, पुलिस ने किया खुलासा पूर्व में भी जेल की हवा खा चुके हैं डा.शिवेश जायसवालदीनदयाल राजकीय अस्पताल के सर्जन डा.शिवेज जायसवाल पूर्व में भी जेल की हवा खा चुके हैं। डा.शिवेश जायसवाल पर नौकर की संदिग्ध मौत हो जाने पर उसका शव गायब करने का आरोप लगा था इस मामले में पुलिस ने चिकित्सक को गिरफ्तार कर जेल भेजा था और बाद में वह जमानत पर बाहर आये थे इसके बाद अब मेडिकल टेस्ट में धांधली में भी इसी चिकित्सक का नाम आ गया।
यह भी पढ़े:-ईएसआईसी अस्पताल में मरीज की मौत से भड़के परिजनों ने किया सड़क जाम