सरकार ने माध्यमिक संस्कृत शिक्षा बोर्ड में नकल रोकने की कवायद शुरू की है। शिक्षा माफिया की नकेल कसने की तैयारी कर ली है। इसके तहत संस्कृत बोर्ड में भी अब अग्रिम पंजीकरण से लेकर परीक्षा आवेदन फार्म तक ऑनलाइन किया जा रहा है। एक तरह से पूरी परीक्षा व्यवस्था ही ऑनलाइन कर दी जाएगी, जैसे यूपी बोर्ड की है।
बता दें कि यूपी बोर्ड के साथ ही संस्कृत बोर्ड पर भी नकल माफिया की जबरदस्त पकड़ है। विभागीय अफसरों की मानें तो हाल तो यह है कि जो लड़के-लड़कियां यूपी बोर्ड से पास नहीं हो पाते वो सस्कृत बोर्ड का फार्म भर कर सर्टिफिकेट हासिल कर लेते हैं। ऐसे में इस तरह की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए ही सरकार ने यह पहल की है।
नई व्यवस्था के तहत अगले सत्र यानी जुलाई से पंजीकरण से लेकर आवेदन फार्म भरने तक की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी। इस सिस्टम को पिछले दिनों हुई उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की कार्यमकारिणी की बैठक में मंजूरी मिल चुकी है। उसके बाद परिषद के सचिव दीप चंद्र ने 2020 की परीक्षा के लिए यह व्यवस्था लागू कर दी है।
बता दें कि संस्कृत बोर्ड में प्रथमा (कक्षा 8), मध्यमा प्रथम वर्ष (कक्ष 9), मध्यमा द्वितीय वर्ष (कक्षा 10), उत्तर मध्यमा प्रथम वर्ष (कक्षा 11), उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष (कक्षा 12) की बोर्ड पपरीक्षा होती है। इसमें अभी तक मैनुअली फार्म भरवाए जाते रहे हैं। इसके तहत परिषद जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय को फार्म भेजता रहा जहां से संस्कृत विद्यालयों को भेजा जाता रहा। शिकायत यह मिलती रही कि कई विद्यालयों से पंजीकरण के विपरीत परीक्षा फार्म भरवा लिए जाते रहे।
ऐसे में अब हर संस्कृत विद्यालय को छात्रों के पंजीकरण के लिए लॉगिन आईडी और पासवर्ड दिया जाएगा। इस सिस्टम के लागू होने के बाद वही छात्र परीक्षा में शामिल हो पाएंगे जिनका ऑनलाइन पंजीकरण हुआ रहेगा। इतना ही नहीं विद्यालयों को अग्रिम पंजीकरण से लेकर परीक्षा आवेदन फार्म और शुल्क तक ऑनलाइन जमा करना होगा।
नई व्यवस्था में स्कूल लॉग इन, पंजीकरण, करेक्शन, सत्यापन, परीक्षा शुल्क जमा करना, स्कूल नामावली, अनुक्रमांक सब कुछ ऑनलाइन हो जाएगा।
बता दें कि बनारस जिले में संस्कृत बोर्ड से जुड़े कुल 104 विद्यालय हैं जिसमें 86 अनुदानित हैं। वहीं प्रदेश की बात करें तो कुल संस्कृत विद्यालय हैं 1151 इसमें 971 अनुदानित, दो राजकीय जबकि 133 निजी विद्यालय हैं।